अब शिमला की सड़कों से गायब हो जाएंगी इस कंपनी की बसें, रद्द हुआ पंजीकरण; ये रूट होंगे प्रभावित
राजधानी शिमला के लोगों के लिए उपयोगी खबर है। अब उन्हें सड़कों पर स्वराज माजदा की छोटी बसें दौड़ती दिखाई नहीं देंगी। केंद्र सरकार की स्क्रैंप पॉलिसी के तहत इनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। ये बसें आकार में छोटी थी जिस कारण उन रूटों पर चालाया जाता था जहां सड़कें संकरी हैं। इनके बदले नई बसें खरीदी जा रही हैं। तब तक लोगों को परेशानी हो सकती है।

जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला की सड़कों पर दौड़ने वाली स्वराज माजदा की छोटी बसें बुधवार से अब लोगों को नहीं दिखेंगी।
15 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के कारण हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बेड़े में शामिल ऐसी 24 बसों का पंजीकरण रद्द हो जाएगा।
इन बसों का पंजीकरण रद्द, शहर में कई रूट होंगे प्रभावित
पंजीकरण रद्द होने के कारण अब यह बसें सड़क पर नहीं दौड़ पाएंगी। ऐसे में इन बसों को खड़ा करना पड़ेगा। वहीं 24 ऐसी बसों का पंजीकरण रद्द होने के कारण शहर में कई रूट प्रभावित हो सकते हैं।
इन बसों की खास बात यह थी कि आकार में छोटी होने के कारण शहर में जहां सड़कें संकरी हैं, इन्हें उन रूटों पर चलाया जाता था।
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टैंपो ट्रैवलर से बसों को किया जाएगा रिप्लेस
इन बसों का पंजीकरण रद्द होने से एचआरटीसी के रूट प्रभावित हो सकते हैं, जिससे शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि हिमाचल पथ परिवहन निगम इनकी कमी पूरी करने के लिए फिलहाल टैंपो ट्रैवलर से काम चलाने की तैयारी कर रहा है।
यह बसें झिझीडी, एमआइ रूम, केलटी, बरमू सहित अन्य कई रूटों पर चलती हैं, जहां सड़कें संकरी और कम चौड़ी हैं। ऐसे में इन रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
रूट प्रभावित नहीं होंगे: हिमाचल पथ परिवहन निगम
हालांकि हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन का कहना है कि रूट प्रभावित नहीं होंगे। निगम प्रबंधन ने बसों की कमी के चलते कई प्रभावित रूटों पर टैंपो ट्रैवलर चलाने का भी निर्णय लिया है।
वहीं अन्य रूट प्रभावित हो सकते हैं। केंद्र सरकार के 15 साल पुराने वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी के तहत शिमला शहर में एचआरटीसी की 15 साल पूरा कर चुकी 24 बसें खड़ी हो जाएंगी। इन बसों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग के रजिस्टेशन पोर्टल से ऑटोमेटिक रद्द हो जाएगा।
परिवहन निगम प्रबंधन का कहना है कि निगम में बसों के स्क्रैप पॉलिसी के तहत खड़े हो जाने के कारण बसों की कमी खलेगी। परिवहन निगम नई बसें खरीद रहा है। हालांकि जब तक परिवहन निगम के पास नई बसें नहीं पहुंचती हें, तब शहर में परेशानी हो सकती है।
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