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    Shimla MC Election Result: नगर निगम शिमला में कांग्रेस की 11 साल बाद वापसी, 24 वार्डों में लहराया जीत का परचम

    By Swati SinghEdited By: Swati Singh
    Updated: Fri, 05 May 2023 08:12 AM (IST)

    Shimla MC Election Resultनगर निगम चुनाव में कांग्रेस सरकार के चार माह के कार्यों पर शिमला की जनता ने मुहर लगा दी है। चार सीटों पर हुए उपचुनाव व उसके ब ...और पढ़ें

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    नगर निगम शिमला में कांग्रेस की 11 साल बाद वापसी, 24 वार्डों में लहराया जीत का परचम

    शिमला,जागरण संवाददाता। हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस ने प्रदेश के सबसे पुराने नगर निगम शिमला की सत्ता भी प्राप्त कर ली है। वीरवार को आए परिणाम में कांग्रेस ने 11 साल बाद एकतरफा जीत प्राप्त की है। 34 में से 24 वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा के हाथ नौ वार्ड ही लगे हैं। माकपा को एकमात्र समरहिल वार्ड से जीत मिली है। आम आदमी पार्टी पहली बार शिमला नगर निगम चुनाव में राजनीतिक जमीन तलाश रही थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की तरह पार्टी को यहां भी निराशा मिली है।

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    आप के दो प्रत्याशी ही 100 से अधिक मत प्राप्त कर सके, जबकि शेष प्रत्याशियों को 10 से 40 मत ही मिले। नगर निगम का कार्यकाल जून 2022 में पूरा हो गया था। चुनाव लगभग एक साल बाद हुए हैं। सबसे बड़ी जीत शांति विहार वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी को मिली। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 705 मत से पराजित किया। सबसे कम जीत का अंतर खलीणी वार्ड में रहा। यहां कांग्रेस प्रत्याशी महज आठ मत से जीता।

    भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मेयर सत्या कौंडल को संजौली में हार झेलनी पड़ी। कांग्रेस के पूर्व महापौर और निर्दलीय लड़े सोहन लाल को कृष्णानगर वार्ड से हार का सामना करना पड़ा। शिमला शहरी इकाई के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी भी चुनाव हार गए।

    कांग्रेस सरकार के चार माह के कार्यों पर मुहर

    नगर निगम चुनाव में कांग्रेस सरकार के चार माह के कार्यों पर शिमला की जनता ने मुहर लगा दी है। चार सीटों पर हुए उपचुनाव व उसके बाद विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद भाजपा को एक और झटका प्रदेश में लगा है। सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव था। सुक्खू भी प्रचार में उतरे थे। इस चुनाव को उनकी प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा था। वहीं, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी चुनाव प्रचार किया था।

    कांग्रेसी नेता हुए मजबूत, भाजपा नेताओं को झटका

    इस चुनाव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अलावा मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह से जुड़ा हुआ देखा जा रहा था। ये सभी अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहे। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बड़ा झटका लगा। उन्होंने चुनाव की कमान संभाली हुई थी।

    कहां-किसने मारी बाजी

    पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए हुए चुनाव के परिणाम में जिला परिषद की एकमात्र सीट भाजपा ने जीती जबकि पंचायत समिति की आठ सीटों में से पांच में कांग्रेस समर्थित व तीन में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत पाई। ऊना जिले में जिला परिषद के भंजाल लोअर वार्ड में भाजपा समर्थित सुशील कालिया ने जीत दर्ज की। यह सीट कांग्रेस के चैतन्य शर्मा के विधायक निर्वाचित होने से खाली हुई थी।

    भाजपा समर्थित प्रत्याशी सतविंद्र कौर ने ऊना जिले में बालीबाल पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीता। हमीरपुर के भूंपल में भाजपा समर्थित सोनू कुमार, करेर में कांग्रेस समर्थित दीन्नी जसवाल, भोरंज से कांग्रेस समर्थित वीना देवी जीती। कुल्लू के निरमंड ब्लॉक के घाटू वार्ड 13 में चुनाव लॉटरी से हुआ। कांग्रेस समर्थित सीताराम चुनाव जीते। जिला कांगड़ा के तहत बगली व कोटलू वार्ड में कांग्रेस समर्थित बीडीसी सदस्यों ने जीत हासिल की है। धर्मशाला के तहत बगली वार्ड में निर्मल सिंह व ब्लाक लंबागांव के कोटलू वार्ड में सुरेश धीमान ने 686 मत झटक कर पार्टी का झंडा बुलंद किया है। पंचायत समिति सलूणी के ब्रंगाल वार्ड से भाजपा समर्थित रोशन कुमार ने जीत दर्ज की।