Himachal News: शिमला के कालीबाड़ी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन, पहाड़ों से गिर रहे पत्थर; खतरे में दुकानें
शिमला के कालीबाड़ी मंदिर मार्ग पर पत्थर गिरने से दहशत फैल गई। दुकानदारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और पहाड़ी को तिरपाल से ढका गया। कसुम्पटी वार्ड में भूस्खलन से तीन मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया जिनमें से एक को खाली करा लिया गया। नगर निगम ने अस्थायी इंतजाम किए हैं लेकिन बारिश के कारण स्थायी मरम्मत संभव नहीं है।

जागरण संवाददाता, शिमला। शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल कालीबाड़ी मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर शुक्रवार सुबह पत्थर गिरने शुरू हो गए। इसके चलते यहां पर दुकान लगाने वाले कारोबारियों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया। पहाड़ी से आने वाले समय में ज्यादा नुकसान न हो, इसलिए इसे पूरी तरह से तिरपाल से कवर कर दिया है।
सुबह के समय यहां से सड़क पर अचानक भारी पत्थर गिरने लगे। गनीमत रही कि इस दौरान कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन घटना के बाद वहां मौजूद दुकानदारों और श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल बन गया है। वहीं राजधानी शिमला के कसुम्पटी वार्ड स्थित परिमहल इलाके की जीवणु कॉलोनी में शुक्रवार को भूस्खलन की घटना पेश आई है।
कॉलोनी की रोगी वाहन लाक सड़क के धंसने से कारण तीन मकानों को खतरा पैदा हो गया है।धंसी हुई सड़क का मलबा एक मकान पर जा गिरा, इसमें दो परिवार रहते हैं। प्रशासन ने एहतियातन इस मकान को खाली करवा दिया है। वहीं, सड़क के ऊपरी हिस्से में बने दो बहुमंजिला भवनों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम और स्थानीय पार्षद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावित क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है और संभावित जोखिम वाले अन्य भवनों की जांच की जा रही है।
वहीं कालबाड़ी मंदिर के रास्ते में नगर निगम की टीम सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची । पहाड़ को तिरपाल से ढककर सुरक्षा के अस्थायी इंतजाम किए। नगर निगम के आए कर्मचारियों ने बताया कि पत्थर गिरने की सूचना स्थानीय लोगों से मिली, इसके बाद तत्काल वहां पहुंचकर रास्ते को ढक दिया। बारिश के चलते फिलहाल स्थायी मरम्मत संभव नहीं है। बरसात के बाद ही इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकेगा।
जान का डर, पेट पालना भी है मजबूरी
सड़क के किनारे लगी दुकानों पर भी इसका सीधा असर पड़ा है। दो दुकानों को एहतियातन अन्य जगह शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, एक दुकानदार राम कुमार ने बताया कि उन्हें अब यहां दुकान लगाना जोखिम भरा लग रहा है, लेकिन दूसरी जगह की व्यवस्था न होने के कारण वे मजबूरी में काम कर रहे हैं।
दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि स्थिति को जल्द से जल्द ठीक किया जाए ताकि वे बिना डर के अपने कारोबार को जारी रख सकें। श्रद्धालुओं ने भी मंदिर मार्ग की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है।
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