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    Shimla IGMC: अस्पताल में दूसरे दिन भी परेशान रहे मरीज, 10 से ज्यादा ऑपरेशन टले, ऑर्थो के मरीज भी प्रभावित

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Tue, 30 May 2023 11:40 PM (IST)

    अस्पतालों में दूसरे दिन भी मरीज परेशान होते रहे। साढ़े नौ बजे से ग्यारह बजे तक मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। इस दौरान ओपीडी में कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं थे। सुबह से मरीज अपना इलाज करवाने के लिए अस्पताल में आ रहें थे।

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    अस्पताल में दूसरे दिन भी परेशान रहे मरीज, 10 से ज्यादा ऑपरेशन टले, ऑर्थों के मरीज भी प्रभावित

    शिमला, जागरण संवाददाता । शहर के अस्पतालों में दूसरे दिन भी मरीज परेशान होते रहे। साढ़े नौ बजे से ग्यारह बजे तक मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। इस दौरान ओपीडी में कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं थे। सुबह से मरीज अपना इलाज करवाने के लिए अस्पताल में आ रहें थे।

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    मरीजों को करना पड़ा इंतजार

    ओपीडी में डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा था। एनपीए बंद होने के विरोध में राज्य भर के डाक्टर पैन डाउन स्ट्राइक पर है। इस समय डॉक्टर मरीजों को ओपीडी में चेक नहीं कर रहें है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तब तक इस प्रकार से अस्पताल में इस दौरान पेन डाउन हड़ताल करेगी।

    पूरे राज्य से आते हैं मरीज

    मंगलवार को आईजीएमसी में 2553 मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आए थे। ओपीडी में 2480 व आपात में 73 मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे। आइजीएमसी में शिमला ही नहीं बल्कि राज्य सरकार से भी लोग अपना इलाज करवाने के आते है। इसके कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना हो रहा था।

    दिक्कतों का सामना कर रहे मरीज 

    आईजीएमसी में डॉक्टरों की स्ट्राइक के कारण डॉक्टर को अस्पताल में मरीजों के रूटीन में जो ऑपरेशन होते है। स्ट्राइक के कारण इन ऑपरेशन में देरी हो रही है। अस्पताल में इसके कारण दस ऑपरेशन टल गए। इसमें सर्जरी के तीन, आर्थों के दो, केएनएच में तीन से लेकर अन्य अस्पतालों में भी मरीजों को इसके चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

    बेनतीजा रही छात्रों की प्रिंसिपल से बैठक

    छात्र केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारियों के साथ अस्पताल प्रशासन व कॉलेज के प्रबंधन को देख रही प्रिंसिपल डा. सीता ठाकुर के साथ बैठक हुई। इस बैठक में छात्रों को हड़ताल वापस लेने की बात कहीं, लेकिन छात्र इसके लिए तैयार नहीं हैं। उनका तर्क हैं कि ये सीधे तौर पर ही उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

    रेजिडेंट डॉक्टर के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा ने कहा है कि दूसरे दिन भी डॉक्टरों ने एनपीए का विरोध किया है। जब तक सरकार का लिखित में कोई जवाब नहीं आता है। इसी प्रकार से डाक्टरों को स्ट्राइक जारी रहेंगी।