भारी बारिश के बाद शिमला के बागवानों में सड़ रहे सेब, सांसद सुरेश कश्यप ने सुक्खू सरकार पर क्यों लगाए लापरवाही के आरोप?
शिमला संसदीय क्षेत्र में बागवानों का सेब खेतों में सड़ रहा है क्योंकि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क मार्ग खोलने में विफल रही है। सांसद सुरेश कश्यप ने नाहन में कहा कि सरकार को जिस गति से काम करना चाहिए था वह नहीं हो रहा। केंद्र सरकार ने आपदा से निपटने के लिए 1500 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की है लेकिन पीड़ितों को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

जागरण संवाददाता, नाहन। शिमला संसदीय क्षेत्र में बागवानों के खेतों में ही करोड़ों रुपए का सेब सड़ रहा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आपदा में ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों एवं बागवानों को सहायता देने में रही विफल रही है। यह आरोप शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाए।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि सरकार को जिस गति से काम करना चाहिए था, वह नहीं हो रहा है। सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री केवल बयान बाजी कर रहे हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र के हजारों किसानों एवं बागवानों का सेब खेतों में सड़ रहा है, जो सेब बड़ी मुश्किल से मंडियों में पहुंच रहा है, वह भी सड़ने की कगार पर पहुंच चुका है।
इसके अतिरिक्त एचपीएमसी फैक्ट्री के बाहर हजारों टन सेब गाड़ियों में ही खराब हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले 3 महीनों में हुई भारी बारिश तथा बारिश के बाद आई आपदा ने ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की हालत बद से बदतर कर दी है। साथ ही किसानों की नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं हिमाचल लाकर नुकसान का जायजा लिया तथा उसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार को आपदा से निपटने के लिए 1500 करोड रुपए की राहत राशि जारी करने की घोषणा की है। वही 2023 से लेकर अब तक केंद्र सरकार प्रदेश को 5145 करोड रुपए की सहायता राशि जारी की है। इसके अतिरिक्त 1 लाख पीएम आवास, एनडीआरएफ व सेना की मदद भी की है।
प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं का निरीक्षण करने के लिए केंद्र से अधिकारियों व विशेषज्ञ विशेषज्ञ की टीमें लगातार पहुंच रही। हिमाचल प्रदेश में बरसात में 350 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता है। हजारों लोगों के आशियाना इस बरसात में तबाह हो गए हैं।
सांसद सुरेश कश्यप ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने जो हिमाचल प्रदेश को सहायता राशि तथा अनाज भेजा। उसके लिए उन्होंने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, त्रिपुरा व असम के मुख्यमंत्री का आभार भी जताया। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो राशि जारी की है, उसकी बंदर बांट न हो और वह पीड़ित परिवारों को मिले।
नाहन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद सुरेश कश्यप ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में आने वाले पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर व लद्दाख में बादल फटने जैसी होने वाली घटनाओं के लिए केंद्र सरकार जल्द शोध संस्थान खोलने जा रही है। इस योजना में देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिक होंगे। जो की बादल फटने की घटनाओं का पता लगाएंगे तथा उससे बचाव के उपाय बताएंगे।
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