हिमाचल: गिरानी होगी संजौली मस्जिद, अधिवक्ता बोले- अब नगर निगम तुरंत कार्रवाई करे; क्या बोले हिंदू व मुस्लिम पक्ष
शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद की सभी मंजिलों को गिराने का आदेश न्यायालय ने बरकरार रखा है। वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी याचिका खारिज होने के बाद दस्तावेज पेश करने में विफल रहे। अदालत ने नगर निगम के फैसले को सही ठहराया और मस्जिद को अवैध घोषित किया। हिंदू संगठनों ने इसे सनातन धर्म की जीत बताया, जबकि मुस्लिम समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद की सभी मंजिलें गिरानी ही होंगी। जिला एवं सत्र न्यायालय ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने नगर निगम आयुक्त के निर्णय को बरकरार रखकर सही करार दिया।
आयुक्त ने पांच अक्टूबर, 2024 और तीन मई 2025 को मस्जिद को अवैध करार देते हुए गिराने का आदेश दिया था। मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलें पहले ही गिराई जा चुकी हैं, अब दो मंजिलें गिराई जाएंगी। 
दोनों याचिकाकर्ता पेश नहीं कर पाए दस्तावेज
वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम आयुक्त के कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी। लेकिन न्यायालय में दोनों ही याचिकाकर्ता किसी तरह के दस्तावेज पेश नहीं कर सके।
संजौली में बनी पूरी मस्जिद अवैध, जल्द गिराने का काम करे नगर निगम
संजौली मस्जिद मामले में स्थानीय लोगों के वकील जगतपाल ने बताया कि संजौली में बनी पूरी मस्जिद अवैध है। अब जिला अदालत ने भी निगम आयुक्त कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। ऐसे में अब नगर निगम शिमला इस अवैध ढांचे को जल्द गिराने का काम करे। 
इसी वर्ष तीन मई को संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त ने बची हुई निचली दो मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। 
मस्जिद 1947 से पहले की तो नक्शे सहित अन्य मंजूरी क्यों नहीं ली
वक्फ बोर्ड मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने में नाकाम रहा था। हालांकि वक्फ बोर्ड ने 1947 से पहले की मस्जिद होने का दावा किया था, लेकिन जब नगर निगम कोर्ट ने पूछा था कि यदि मस्जिद 1947 से पहले की थी तो पुरानी मस्जिद को तोड़कर नई बनाने के लिए नगर निगम से नक्शा सहित अन्य जरूरी अनुमति क्यों नहीं ली।
हिंदू संगठन बोले, सनातन की जीत, मुस्लिम बोले, सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे
हिंदू संगठन के विजय शर्मा ने निर्णय पर खुशी जताई और कहा कि यह सनातन धर्म की जीत है। वहीं मस्जिद कमेटी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने की बात कही है।
वक्फ बोर्ड राजस्व रिकॉर्ड देने में नाकाम
नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में चल रहे मामले में 15 वर्ष में पहली बार बोर्ड ने कहा था कि राजस्व रिकार्ड अपडेट करने के लिए केस चल रहा है। इसको देखते हुए ही आयुक्त ने तीन मई तक का समय दिया था। इसके बावजूद वक्फ बोर्ड कोई राजस्व रिकार्ड देने में नाकाम रहा।
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यह है संजौली मस्जिद का मामला
शिमला के मतियाणा में युवकों की पिटाई के बाद संजौली मस्जिद विवाद उठा और हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। पिछले वर्ष 11 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने की पेशकश की थी। पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की तीन मंजिलें तोड़ने को स्वीकृति दी। इसके बाद इस मामले पर आयुक्त कोर्ट और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में काफी समय तक सुनवाई चली। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से भी मुस्लिम समुदाय के पक्ष में निर्णय नहीं आया था। मुस्लिम पक्ष की निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 30 नवंबर को खारिज कर दी थी। इसके बाद तीन मई को नगर निगम के आयुक्त कोर्ट ने नीचे की दो मंजिलों को भी अवैध घोषित किया था।

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