Himachal News: पीएम गतिशक्ति योजना के लिए 530 करोड़ रुपये मंजूर, नेशनल मास्टर प्लान पर शिमला में हुई समीक्षा बैठक
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) की विशेष सचिव लॉजिस्टिक्स आईएएस अधिकारी सुमिता डावरा की अध्यक्षता में शिमला के पीटरहाफ में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर समीक्षा बैठक हुई। इस योजना के लिए 530 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है। लद्दाख में इसके तहत बड़े प्रोजेक्ट पर काम जारी है। हिमाचल एनपीजी की बैठक भी होनी है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की विशेष सचिव लॉजिस्टिक्स आईएएस अधिकारी सुमिता डावरा की अध्यक्षता में शिमला के पीटरहाफ में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने कहा कि लद्दाख में इसके तहत बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसी तर्ज पर हिमाचल भी इंस्फ्ररास्ट्रक्चर का एक बैंचमार्क लें। इसके लिए हिमाचल एनपीजी की बैठक करें।
राज्य के अधिकारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
राज्य के अधिकारियों का भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग व भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआइएसएजी-एन) से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने हिमाचल के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिमाचल में इसके लिए पेश आ रही परेशानियों को जल्द दुरुस्त करें।
उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति के तहत मांग भेजने पर पैसों की उपलब्धता है। हिमाचल को पिछले वर्ष केंद्र सरकार के 5000 करोड़ में से 45 करोड़ रुपये दिए गए है, जबकि इस वर्ष 830 करोड़ में से 530 करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं।
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इज ऑफ डूइंग व इज ऑफ लाइफ के संबंध में दी जानकारी
उन्होंने कहा कि ऊना में नई 40 किलोमीटर रेलवे लाइन, मंडी की बिजनी ट्विन टयूब टनल पर गतिशक्ति मास्टर प्लान के तहत लाया है, जिस पर आगामी प्रक्रिया चली हुई है। उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने प्रदेश सरकारी ओर से इज ऑफ डूइंग और इज ऑफ लाइफ के संबंध में जानकारी दी।
बैठक में 25 नोडल अधिकारी रहे उपलब्ध
बैठक में हिमाचल के करीब दो दर्जन विभागों के 25 नोडल अधिकारी उपस्थित रहे। डावरा ने कहा कि 13 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने यह योजना शुरू की। गतिशक्ति एक ऐसी परियोजना है, जो दो मुख्य बिंदुओं पर आधारित है, जिसमें सुगमता से बिजनेस करना और दूसरा लोगों का आरामदायक जीवन।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के 39 विभाग, 36 राज्य और यूटी इससे जुड़ चुके है, जिसमें हिमाचल के भी 24 विभाग शामिल है। इसके 1450 जीआईएस लेयर आ चुके है और देशभर में इसकी 57 बैठकें हो चुकी है।
बन गई है स्टेट लाजिस्टिक पॉलिसी: तिलकराज
उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही स्टेट लाजिस्टिक पॉलिसी बना चुकी है। उन्होंने कहा कि इस समीक्षा बैठक में विभिन्न प्रदेशों के प्रोजेक्ट नोडल अधिकारियों को दिखाए गए है। नेशनल मास्टर प्लान की एवज में स्टेट का मास्टर प्लान भी तैयार किया जाएगा, जिसके लिए इस रिव्यू बैठक में आए सुझाव महत्वपूर्ण है।
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