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    यु्द्ध स्तर पर राहत कार्य, 24 घंटे सभी जिला उपायुक्त अलर्ट; मानसून को लेकर एक्शन में CM सुक्खू ने दिए अहम निर्देश

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 11:40 PM (IST)

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानसून की प्रतिकूल परिस्थितियों के मद्देनजर सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चलाने को कहा। मुख्यमंत्री ने नदी-नालों के पास रहने वाले लोगों, विशेषकर प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। 

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    बैठक लेते सीएम सुक्खू। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में मानसून के दौरान मौसम की विपरीत परिस्थितियों के दृष्टिगत सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और आमजन के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

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    उन्होंने वीरवार को शिमला से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश में मौसम की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों से आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने अधिकारियों को नदी-नालों के निकट रह रहे लोगों विशेषकर प्रवासी मजदूरों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर पुनर्वास करने को कहा। उन्होंने उपायुक्तों को पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बारिश के मौसम में नदी-नालों के समीप नहीं जाने को लेकर एडवायजरी जारी करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना सरकार को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा।

    21 लोगों को निकाला सुरक्षित 

    उन्होंने कहा कि हर वर्ष मानसून के कारण जल विद्युत परियोजनाओं को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। इनकी सुरक्षा के लिए एक समग्र रणनीति बनाई जाए। जिससे इन परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

    उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में तीन स्थानों पर बादल फटने, बाढ़ की नौ और भू-स्खलन की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें पांच लोगों की मृत्यु होने और एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि की गई है।

    जिला कुल्लू में तीन और जिला कांगड़ा में पांच से छह लोग अभी भी लापता हैं जबकि फसे हुए 21 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

    कई परियोजनाएं बंद

    राष्ट्रीय राजमार्ग-505 और एनए-3 पर भूस्खलन पर अभी भी कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध है। कुल्लू ज़िले में सैंज घाटी के मझान नाला में बादल फटने की घटना के बाद सैंज, पार्वती और लारजी जल विद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान के दृष्टिगत इन परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है और गेट खोल दिए गए हैं।

    प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटीं हैं। विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और आशीष बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा और मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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