हिमाचल में किसानों की जमकर हो रही चांदी, खेतों में जी-तोड़ मेहनत कर उगा रहे लाल सोना; भाव भी मिल रहा तगड़ा
नेरवा और आसपास के क्षेत्रों में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर टमाटर की खेती कर रहे हैं जिसे लाल सोना कहा जाता है। कई किसान और नेपाली मूल के लोग इसमें जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। टमाटर की खेती से उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है। मंडी में टमाटर 400 से 500 रुपये प्रति क्रेट तक बिक रहा है।

संवाद सूत्र, नेरवा। प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र के चौपाल और कुपवी उपमंडल व साथ लगते उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किसान पारंपरिक फसलों की खेती को त्याग कर बेमौसमी फसलों की खेती कर रहे हैं। टमाटर जिसे अब लाल सोने की उपमा भी दी जाती है की खेती एक अहम स्थान बना चुकी है।
इन दिनों किसान धरती से अधिक से अधिक लाल सोना पैदा करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। किसान अन्य सारे काम छोड़ कर टमाटर के खेतों में डेरा डाले हुए है। टमाटर की खेती से जुड़े किसानों की सुबह भी खेतों में हो रही है और शाम भी खेतों में ही ढल रही है।
कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सत्तर फीसदी से अधिक किसान टमाटर की खेती से जुड़ चुके हैं। हालांकि, टमाटर की खेती से होने वाली आय मौसम व अन्य राज्यों की पैदावार पर निर्भर है फिर भी इससे आय की अच्छी संभावना को देखते हुए अधिकांश किसानों ने पारंपरिक फसलें उगाना
छोड़ टमाटर की खेती की तरफ रुख कर लिया है। ये किसान हिमसोना जैसी टमाटर की कई उन्नत किस्में उगा कर अपने परिवारों का भरण पोषण कर रहे है।
स्थानीय के साथ अप्रवासी भी उगा रहे लाल सोना
स्थानीय किसानों के अलावा अप्रवासी नेपाली मूल के लोग भी इस खेती से काफी संख्या में जुड़े हुए हैं। इन लोगों ने ऐसे किसानों से जमीनें लीज पर ली है जो खेती कर पाने में असमर्थ है या नौकरी पेशे के सिलसिले में घरों से बाहर रह रहे हैं। ये नेपाली भी पिछले कई सालों से कई बीघा जमीन पर टमाटर की खेती कर रहे हैं। स्थानीय किसानों के साथ-साथ इन नेपाली परिवारों की आर्थिकी भी पूरी तरह टमाटर की खेती पर ही निर्भर है। अभी टमाटर सीजन की शुरुआत ही हुई है। इसके कारण बहुत कम टमाटर मंडियों में जा रहा है।
फसलों को छोड़ बेमौसमी सब्जियों की ओर किया रुख
बीते दशक चौपाल विधानसभा क्षेत्र की नेरवा तहसील व कुपवी उपमंडल के कम ऊंचाई वाले और नदी किनारे के तट के किसानों ने परंपरागत फसलों को छोड़कर टमाटर व अन्य बेमौसमी सब्जियों की खेती की ओर रुख किया है। जिससे उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हुई है। कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सब्जियों की खेती ने किसानों का जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज यह अर्थव्यवस्था में सेब से अधिक योगदान दे रही है।
गुणवत्ता के आधार पर मिल रहे दाम
नेरवा सब्जी मंडी के आढ़ती ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि अभी टमाटर सीजन की शुरुआत ही हुई है। 200 से 300 क्रेट टमाटर ही मंडी में आ रहा है। 25 किलो की क्रेट गुणवत्ता के आधार पर 400 से 500 रुपये तक बिक रही है। आने वाले डेढ़ सप्ताह में टमाटर सीजन के जोर पकड़ने की संभावना है।
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