शिमला के रामपुर में चार माह से नहीं मिला सरसों तेल, दो महीने से दालें गायब
रामपुर के राशन डिपुओं में चार महीने से सरसों का तेल और दो महीने से दालें गायब हैं जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। भाजपा नेता कौल सिंह ने सुक्खू सरकार पर टेंडर प्रक्रिया में देरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर सामान खरीदना पड़ रहा है।

संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर। रामपुर उपमंडल के राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को पिछले चार महीनों से सरसों तेल और दो महीनों से मलका दाल व दला चना नहीं मिल रहा है।
इसको लेकर हजारों उपभोक्ता परेशान हैं और उन्हें बाजार से महंगे दामों पर तेल-दाल खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
भाजपा नेता एवं हिमकोफेड के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ने इस समस्या को लेकर प्रदेश की सुक्खू सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकारी टेंडर प्रक्रिया में बार-बार देरी की जा रही है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है।
राशन डिपो के उपभोक्ता कई-कई बार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें जरूरी खाद्य सामग्री नहीं मिल रही। पहले भी सरकार 4-5 महीनों तक सरसों तेल नहीं दे पाई थी, अब वही स्थिति दोबारा बन गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केवल रिफाइंड तेल उपलब्ध करवा रही है, वह भी अक्सर देरी से।
साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा व एपीएल उपभोक्ताओं को एक ही रेट पर रिफाइंड तेल दिया जा रहा है, जबकि एनएफएस उपभोक्ताओं को इसमें रियायत मिलनी चाहिए थी।
इसके अलावा, सरकार द्वारा डिपो में मिलने वाली विभिन्न दालों के दामों में 5 से 18 रुपये तक की वृद्धि पर भी कौल सिंह ने सवाल उठाए।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि राशन डिपुओं में तत्काल सरसों तेल और दालों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
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