Himachal: युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार, राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत मिलेगा 90 प्रतिशत तक लोन
Himachal Pradesh युवाओं के लिए स्वरोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 शुरू की है। योजना के माध्यम से 18 से 45 वर्ष की आयु के योग्य युवाओं को नए औद्योगिक उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके तहत 90 प्रतिशत तक ऋण जबकि 10 प्रतिशत व्यय लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा।

शिमला, राज्य ब्यूरो: प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 शुरू की है। योजना के तहत परियोजना लागत का अधिकांश हिस्सा बैंक प्रदान करेंगे जबकि लाभार्थी को आंशिक वित्तीय योगदान ही करना होगा। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से हरित क्षेत्र से संबंधित नई परियोजनाओं को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध पोर्टल पर एक सामान्य आवेदन पत्र जमा करना होगा। यह योजना राज्य में एक उद्यम आधारित परिवेश स्थापित करने पर केंद्रित है। उद्यमों को बैंक से ऋण की पहली किस्त प्राप्त करने के दो साल के भीतर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करना आवश्यक है। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को हिमाचली प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आयु प्रमाण और प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट जैसे दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
महिलाओं को अधिकतम आयु में 5 साल की छूट
इस योजना के माध्यम से 18 से 45 वर्ष की आयु के योग्य युवाओं को नए औद्योगिक उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। महिला आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की गई है। योजना के अन्तर्गत बैंक परियोजना लागत का 90 प्रतिशत सावधि या समग्र ऋण के रूप में प्रदान करेंगे, जबकि 10 प्रतिशत व्यय लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा।
60 लाख अधिकतम मिलेंगे, निवेश पर 25 फीसदी उपदान
योजना के तहत पात्र आवेदक को संयंत्र और मशीनरी या उपकरण इत्यादि के लिए अधिकतम 60 लाख रुपये के निवेश पर 25 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाएगा। कार्यशील पूंजी सहित कुल परियोजना लागत एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए निवेश उपदान की सीमा 30 प्रतिशत होगी, जबकि महिलाओं एवं दिव्यांगजन लाभार्थियों के लिए यह सीमा 35 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
ई-व्हिकल के लिए उपदान 50 फीसदी रहेगा
ई-टैक्सी, ई-ट्रक, ई-बस, ई-टेम्पो की खरीद के लिए सभी पात्र श्रेणियों के लिए निवेश उपदान की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है। उपदान के लिए पात्र घटक विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में बांटे गए हैं। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में 10 करोड़ रुपये का कार्पस फंड आवंटित किया गया है। योजना के अन्तर्गत एक परिवार से केवल एक व्यक्ति आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकता है।
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