Himachal Weather: हिमाचल में वर्षा के कहर से कांगड़ा में बाढ़ जैसे हालात, स्कूल बंद; ऊंची चोटियों पर हिमपात
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा ने तबाही मचाई है। कांगड़ा में बाढ़ जैसे हालात हैं और कई स्थानों पर भूस्खलन से सड़कें बाधित हैं। मौसम विभाग ने चंबा और कांगड़ा में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं। कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन अलर्ट पर है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में तीन दिन से हो रही वर्षा ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी है। मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं जबकि भूस्खलन के कारण सड़कें बाधित होने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
कांगड़ा जिले के इंदौरा, नूरपुर, फतेहपुर और जसूर में बाढ़ जैसे हालात हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई क्षेत्रों में बिजली व पानी की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ा है। प्रदेश में वर्षा-बाढ़ के बीच ऊंची चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया है।
सोमवार को लाहुल-स्पीति जिले के शिंकुला दर्रे पर करीब एक फीट हिमपात हुआ। हिमपात व बाढ़ से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है। बारालाचा, खरदूंगला व रोहतांग में चार से आठ इंच हिमपात हुआ है। पुलिस ने सभी दर्रों पर आवाजाही रोक दी है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को चंबा और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। कुल्लू और मंडी जिलों में आरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में यलो अलर्ट लागू रहेगा। 27 से 31 अगस्त तक अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट रहेगा।
भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, सोलन और ऊना जिलों में मंगलवार को भी सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। कुल्लू जिला के मनाली, बंजार और कुल्लू उपमंडलों में भी छुट्टी घोषित की गई है। लगातार वर्षा से कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर बढ़ गया है। रविवार रात जलस्तर 1385.21 फीट तक पहुंच गया, जिसके चलते बीबीएमबी और प्रशासन अलर्ट पर हैं। आउटफ्लो को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 59,539 क्यूसिक कर दिया गया है, जिसे 75,000 क्यूसिक किया जाएगा।
शिमला जिले के कुपवी में जमीन धंसने से धमराह प्राथमिक पाठशाला का रसोईघर और एक कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त हो गया है। राजधानी शिमला के टूटीकंडी के पांजड़ी में डंगा गिरने से बहुमंजिला भवन खतरे की जद में आ गया है। नौ परिवारों को अन्य जगहों पर भेज दिया है। कसौली उपमंडल के तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालय शेरला का भवन भूस्खलन से गिर गया है।
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग छोटे वाहनों के लिए बहाल है। बिजनी में लवांडी के समीप भूस्खलन व सड़क धंसने से मार्ग बाधित हो गया था। झलोगी के पास भूस्खलन से बाधित कीरतपुर-मनाली फोरलेन सोमवार को 13 घंटे बाद बहाल किया। दयोड़ में आवाजाही शुरू होने के बाद दोबारा बंद हो गई। ब्यास नदी में पानी की आवक बढ़ने से लारजी व पंडोह बांध से पानी छोड़ा गया है।
कांगड़ा जिले में 21 मकानों, चार पशुशालाओं व एक आटा चक्की को नुकसान हुआ। शाहपुर के सुधेड़ में चड़ी-धर्मशाला मार्ग बाधित है। धर्मशाला में खड़ा डंडा मार्ग भूस्खलन के कारण बंद है। गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट में दिल्ली से चार विमानों में एक भी नहीं आया। पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से पांच फीट दूर है। मंड क्षेत्र में मकानों के ढहने के साथ-साथ कृषि योग्य भूमि बह गई है।
कांगड़ा जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में स्टाफ को आना होगा। बिलासपुर में कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर जगातखाना में चंडीगढ़ से मनाली की ओर जा रही लग्जरी बस पर पत्थर गिरने से बस के शीशे टूटे व चार यात्रियों को आंशिक रूप से चोंटे आईं।
छड़ोल के पास चैहड़ी में हरियाणा नंबर की दो कारों पर पत्थर गिरे। स्वारघाट के पास पिकअप जीप पर पत्थर गिरने से चालक को हल्की चोटें आईं। शुक्कर खड्ड के पास एनएच पर ल्हासा गिरने से एक कार और ट्राला मलबे में फंस गए। सड़क बहने से कई पंचायतें कट गईं। कैंची मोड़ के पास ल्हासा गिरने से हमीरपुर-ऊना हाईवे जाम हो गया। लगातार वर्षा से सलौणी-दियोटसिद्ध मार्ग चार जगह अवरुद्ध हो गया।
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