हिमाचल में इन जिलों के लोग हो जाएं सावधान! गरज-चमक के साथ होगी भारी बारिश
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। भूस्खलन और जलभराव से जनजीवन अस्त व्यस्त है। राज्य सरकार ने 7 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। शिमला में बस पर पत्थर गिरने से दो की मौत हो गई जबकि मंडी में सात लोगों के शव बरामद हुए हैं। राज्य में कई सड़कें और राजमार्ग बंद हैं और बिजली तथा पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा के कारण भारी तबाही हो रही है। जगह-जगह भू-स्खलनों और जलभराव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी वर्षा से हुए हादसों में बुधवार को तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो लोग लापता हैं। शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में जानें गई हैं।
राज्य सरकार ने एहतियात बरतते हुए 7 सितंबर तक सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज और जिला स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान बंद रखने का आदेश जारी किया है। राज्य भर में बुधवार को भूस्खलन से 5 नेशनल हाईवे और 1359 सड़कें ठप रहीं। मौसम विभाग ने चार और पांच सितंबर को कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में गरज के साथ वर्षा और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है।
छह से नौ सितंबर तक भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई गई है। शिमला जिले में बुधवार को बड़ा हादसा तब हुआ, जब शिमला-रामपुर नेशनल हाईवे-05 पर कालीमिट्टी के पास बिठल में एक निजी बस पर पहाड़ी से विशाल पत्थर और बोल्डर गिर पड़े। इस दर्दनाक घटना में महाराष्ट्र निवासी लक्ष्मी विरानी और नेपाली मूल की एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 यात्री घायल हो गए। इनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इसके अलावा शिमला के रामचंद्र चौक में भयंकर भूस्खलन से सरकारी आवासों पर पेड़ गिर गए। हालांकि, कोई जानी नुकसान नहीं हुआ क्योंकि मकानों को पहले ही खाली करा लिया गया था। कृष्णा नगर में भी भारी भूस्खलन से 5-6 मकानों को खतरा पैदा हो गया है और घर खाली करवा दिए गए हैं।
मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के जंगमबाग में देर रात पहाड़ी से आए मलबे ने दो घरों को पूरी तरह दबा दिया। इस हादसे में अब तक सात लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। वहीं, जोगिंदरनगर उपमंडल के कुंडूनी गांव में भूस्खलन से 22 परिवार प्रभावित हुए हैं। 10 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गनीमत रही कि समय रहते लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में भूस्खलन से एक मकान पर भारी मलबा गिर गया। इस हादसे में एक एनडीआरएफ सदस्य और एक कश्मीरी श्रमिक लापता हैं। दोनों की तलाश जारी है। वहीं लोरन क्षेत्र में भारी भूस्खलन से कई मकानों को खतरा मंडरा रहा है।
यातायात और संचार व्यवस्था ठप
भारी वर्षा के चलते पूरे प्रदेश में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार शाम तक पांच नेशनल हाईवे और 1359 सड़कें बंद पड़ी थीं।
इनमें कुल्लू का एनएच-03 और एनएच-305, किन्नौर का एनएच-05, लाहुल-स्पीति का एनएच-505 और मंडी का एनएच-03 शामिल हैं। अकेले मंडी जिले में 294, शिमला में 234, कुल्लू में 225, सिरमौर में 121, सोलन में 86, कांगड़ा में 53, लाहौल-स्पीति में 48 और बिलासपुर में 25 सड़कें अवरुद्ध हैं।
3207 ट्रांसफार्मर ठप, 1062 पेयजल योजनाएं
राज्यभर में 3207 बिजली ट्रांसफार्मर और 1062 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। केवल कुल्लू जिले में 1096 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। शिमला में 339, कांगड़ा में 212, चंबा में 194 और अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में पेयजल योजनाएं बंद हैं।
24 घंटों में भारी वर्षा का आंकड़ा
बीते 24 घंटों में बिलासपुर के श्री नयनादेवी में सर्वाधिक 140 मिमी दर्ज की गई। चंबा के जोत में 100, सिरमौर के पच्छाद में 80, कुल्लू के कोठी और चंबा में 70-70, शिमला के रोहड़ू व सोलन के कसौली में 60-60, मनाली में 60, पालमपुर में 50, कंडाघाट में 50 और अन्य स्थानों पर 50 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई। राजधानी शिमला में बीती रात से बुधवार दोपहर तक वर्षा होती रही।
पौंग डैम से पानी की निकासी बढ़ी
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने पौंग डैम से पानी की निकासी बढ़ाने का फैसला किया है। अब डैम से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जबकि पहले 80 हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा था। कांगड़ा, फतेहपुर, इंदौरा और देहरा उपमंडल प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
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