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    हिमाचल में दूर दराज क्षेत्रों के लोगों को अब नहीं खलेगी बसों की कमी, 350 रूटों पर दौड़ेंगी निजी टेंपो ट्रैवलर

    हिमाचल सरकार ने दूरदराज के क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को बेहतर बनाने के लिए निजी ऑपरेटरों को 350 नए रूट आवंटित करने का निर्णय लिया है। इन रूटों पर 18 सीटर टेंपो ट्रैवलर चलाए जाएंगे। रूटों का आवंटन ड्रॉ ऑफ लॉट्स के माध्यम से होगा। सरकार का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुगम होगा और ऑपरेटरों को भी फायदा मिलेगा।

    By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 04 Jun 2025 03:20 PM (IST)
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    मिनी बस की तर्ज पर रूटों पर दौड़ेंगे टेंपो ट्रैवलर। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल के दूर दराज क्षेत्रों में लोगों को अब बसों की कमी नहीं खलेगी। लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार नई योजना लेकर आई है। इसके तहत प्रदेश में 350 नए रूट निजी क्षेत्र के लिए आवंटित किए जाएंगे। इन रूटों पर 18 सीटर टेंपो ट्रैवलर चलेंगे।

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    मिनी बसों की तर्ज पर पहली बार सरकार निजी ऑपरेटरों को टैंपो ट्रैवलर के परमिट दे रही है। एचआरटीसी ने शिमला सहित प्रदेश के कुछ स्थानों पर टैंपो ट्रेवलर चलाए हैं। अब योजना का विस्तार करते हुए इसे निजी ऑपरेटरों को देने का निर्णय लिया है।

    अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आरडी नजीम ने इसको लेकर बुधवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी कर दिए जाएं।

    विभाग अब इसके लिए इच्छुक लोगों से आवेदन मांगेगा। आवेदन आने के बाद इन रूटों का आवंटन किया जाएगा। परिवहन विभाग ने तय किया है कि रूटों का आबंटन ड्रॉ आफ लॉट्स के तहत किया जाएगा। जिसका नंबर इसमें निकलेगा रूट उसे ही मिलेगा।

    उप मुख्यमंत्री ने दिए थे निर्देश

    उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि पहले लोगों की राय जानी जाए। परिवहन विभाग ने आरटीओ के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में इसका सर्वे करवाया है कि किन रूटों पर इन्हें चलाया जा सकता है। आरटीओ ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी जिसमें 400 से ज्यादा रूट थे। विभाग ने इनकी छंटनी कर पहले चरण में 350 रूटों पर टैंपो ट्रैवलर चलाने का निर्णय लिया।

    यह दिया तर्क

    सरकार का तर्क है कि ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर काफी कम सवारियां रहती हैं। जिसके कारण निजी ऑपरेटर ये रूट लेते ही नहीं। सरकारी बस हर स्थान पर चलाना संभव नहीं है। टेंपो ट्रैवलर में सीटें कम होती है और उतनी सवारियां रूट पर मिल जाएगी। ऐसे में न तो ऑपरेटर को घाटा होगा। लोगों को भी बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी।

    वाहनों की ये है स्थिति

    एचआरटीसी के बेड़े में 3180 बसें हैं। जबकि निजी क्षेत्र में करीब 3300 बसें चलती है। टेंपो ट्रैवलर आने से परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी। खासतौर से ग्रामीण और संकीर्ण इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। एचआरटीसी खुद भी 100 टैंपो ट्रैवलर चलाने जा रहा है।