हिमाचल में बंद हो जाएगी पवन हंस की उड़ान, ओएसएस या हैलीगो को मिल सकती मंजूरी
सूत्र बता रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में हवाई सेवाओं के लिए बड़े हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने की योजना है। मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय होगा कि किस कंपनी को हेलीकाप्टर की सेवाएं प्रदान करने का जिम्मा सौंपा जाना है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में अब पवन हंस की उड़ान बंद हो जाएगी। इसके स्थान पर अब सरकार ओएसएस और हैलीगो कंपनी में से एक कंपनी के हेलीकाप्टरों का उपयोग करेगी। प्रदेश सरकार द्वारा आमंत्रित निविदाओं में दो हेलीकाप्टर के उपयोग के लिए निविदाएं मांगी गई थी। इन निविदाओं में पवन हंस कंपनी तकनीकी बीड से बाहर हो गई।
इसका कारण ये था कि हेलीकाप्टर सेवाओं की शर्त के लिए कंपनी के पास चार पायलट होना आवश्यक था। जबकि पवन हंस कंपनी चार पायलट न होने के कारण तकनीकी बिड से बाहर हो गई। ऐसे में फाइनेंशियल बिड के लिए केवल दो ही कंपनियां रह गईं और निविदाओं की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मंजूरी के लिए फाइल को मुख्यमंत्री के पास भेजे जाने की सूचना है।
सुक्खू सरकार अब एक नहीं दो हेलीकाप्टरों का सरकारी उपयोग करने जा रही है। पांच सीटर और 15 सीटर हेलीकाप्टर का उपयोग किया जाएगा। दो हेलीकाप्टरों के उपयोग करने के कारण ही कंपनी के लिए चार हेलीकाप्टर आवश्यक होने की शर्त रखी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में हवाई सेवाओं के लिए बड़े हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने की योजना है। मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय होगा कि किस कंपनी को हेलीकाप्टर की सेवाएं प्रदान करने का जिम्मा सौंपा जाना है।
पवन हंस की उड़ान अभी 2.30 लाख रुपये प्रति घंटा
प्रदेश में वर्तमान में पवन हंस मुख्यमंत्री के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके लिए 2.30 लाख रुपये प्रति घंटा की दर से राशि अदा की जा रही है। पवन हंस का करार समाप्त हो चुका है और निविदा प्रक्रिया के पूर्ण न होने के कारण अभी सेवाओं को विस्तार दिया गया है।
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