10 लाख यात्रियों की शर्त में फंसा परवाणु-शिमला रोपवे, वित्त विभाग को भेजी फाइल; अब कैबिनेट में जाएगा मामला
परवाणु-शिमला रोपवे परियोजना 10 लाख यात्रियों की शर्त के कारण अधर में लटक गई है। कंपनी सरकार से गारंटी मांग रही है कि हर साल कम से कम 10 लाख यात्री रोपवे का उपयोग करेंगे। ऐसा न होने पर कंपनी नुकसान की भरपाई की मांग कर रही है। इस परियोजना पर लगभग 6800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है और इसके बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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10 लाख यात्रियों की शर्त में फंसा परवाणु-शिमला रोपवे। फाइल फोटो
अनिल ठाकुर, शिमला। सोलन जिला के परवाणु से शिमला के बीच प्रस्तावित रोपवे का निर्माण का मामला लटक गया है। 38 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित इस रोपवे के लिए कंपनी ने 10 लाख यात्रियों की शर्त रखी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम ने इस मामले की फाइल वित्त विभाग को भेजी है। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद इसे दोबारा कैबिनेट में रखा जाएगा।
अभी इस पर मंथन चल रहा है कि इसकी गारंटी दी जाए या नहीं। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी) ने टाटा कंसल्टेंसी से इसकी डीपीआर तैयार करवाई है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि साल में 10 से 12 लाख लोग रोपवे से सफर करेंगे।
बीओडी आधार पर यह रोपवे तैयार किया जाएगा। जिसमें प्रतिमाह कमाई की हिस्सेदारी राज्य सरकार को मिलेगी। कंपनी चाहती है कि सरकार इसकी लिखित गारंटी के कि साल में 10 लाख पर्यटक रोपवे से सफर करेंगे। यदि यात्रियों की संख्या कम होती है तो इस नुकसान की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार करें।
यदि यात्री ज्यादा सफर करते हैं तो तय हिस्सेदारी से ज्यादा पैसा सरकार को देने को भी कंपनी तैयार है। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी) के अधिकारियों ने इसको लेकर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी।
एनडीबी कर रहा मदद
16 कंपनियां इस रोपवे को बनाने के लिए तैयार है। अदानी एंटरप्राइजेज सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है। अदानी अडानी एंटरप्राइजेज के प्रतिनिधियों ने आरटीडीसी के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। इस परियोजना पर करीब 6800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इस रोपवे के बनने के बाद प्रदेश के हजारों लोग लाभान्वित होंगे तो वहीं सैलानियों को भी शिमला-सोलन के खूबसूरत पहाड़ों को आसमान से निहारने का मौका मिलेगा।
आठ चरणों में पूरा होगा देश के सबसे लंबे रोपवे का काम
रोपवे का निर्माण कार्य आठ चरणों में पूरा किया जाना प्रस्तावित किया गया है। रोपवे में एक घंटे में 3000 से 5000 लोग सफर कर सकेंगे। इसमें परवाणु-जाबली, जाबली-डगशाई, डगशाई-बड़ोग, बड़ोग-सोलन, सोलन-करोल टिब्बा, करोल टिब्बा-आईटी सिटी वाकनाघाट, आईटी सिटी वाकनाघाट-शोघी,शोघी-तारादेवी मंदिर और तारादेवी मंदिर से तारादेवी आदि स्टेशन होंगे।

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