सक्रीय है ऑनलाइन ठगी गिरोह, रहें सावधान; इन बातों का हमेशा रखें ध्यान
शिमला में ऑनलाइन ठगी गिरोह सक्रीय है एक साल में ऑनलाइन ठगी के 50 मामले दर्ज हो चुके हैं जिनमें लोगों के अकाउंट से पौने तीन करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला में ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय है। शातिर ठग नए-नए तरीके ईजाद कर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। प्रोफेशनल लोगों, डॉक्टर और अध्यापकों को झांसा देकर इनके अकाउंट से लाखों रुपये निकाले जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक एक साल में 50 मामले ऑनलाइन ठगी के दर्ज हुए हैं। जबकि इस साल दो महीनों में ही करीब 20 मामले दर्ज हो चुके हैं। शातिरों ने लोगों के अकाउंट से पौने तीन करोड़ निकाल लिए। पुलिस केवल मामला दर्ज करने तक ही सीमित है। इसमें रिकवरी नाममात्र की है।
पुलिस ने हाल ही में रामपुर में ऑनलाइन ठगी का केस सुलझाया था, लेकिन इसमें केवल आरोपित ही पकड़े गए। कुछेक मामलों में कुछ रिकवरी भी की गई है। पुलिस के पास कई मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें डॉक्टर, वकील और पेशेवर लोगों ने शर्म की वजह से एफआइआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया।
ये बरतें सावधानी
- डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड किसी से शेयर न करें।
- खरीदारी के वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप करें, पिन खुद ही डालें, लिमिट्स को कम रखें, एसएमएस अलर्ट को चालू रखें।
- ट्रांजेक्शन गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें। इसमें किसी भी तरह की देरी न करें।
- स्टेटमेंट को हर तीन दिन में जांचे। नेट पर कार्ड के जरिए पेमेंट केवल वेबसाइट पर करें।
- अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें। नियम और शर्तें जरूर पढ़ें, इंटरनेट पर वॉलेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें।
- मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर।
ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में तुरंत एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। ऑनलाइन ठग किसी भी कारण से एक या दो रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहते हैं। देने वाले को लगता है कि एक या दो रुपये की ही तो बात है। शातिर फोन पर उलझाकर क्रेडिट कार्ड, अकाउंट या यूपीआइ या ओटीपी की जानकारी हासिल कर अकाउंट से चंद मिनट में लाखों रुपये निकाल सकते हैं। ऐसे में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
ओमापति जम्वाल, एसपी शिमला।
ऐसे दे रहे झांसा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि शातिर प्रोफेशनल हैं। कभी ये कस्टमर केयर से फोन करके एटीएम कार्ड रिन्यू करने की बात कहते हैं तो कभी कॉल सेंटर से फोन करके नौकरी का झांसा देते हैं। शातिर इतने चतुर हैं कि बातों-बातों में वे बैंक की सारी डिटेल हासिल कर लेते हैं। लोगों को फोन पर ज्यादा देर तक उलझाकर रखते हैं ताकि इनके अकाउंट को हैक कर सकें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।