हिमाचल के छात्रों के लिए जरूरी खबर, अब प्राइवेट स्कूलों में भी फेल होंगे पांचवी और आठवीं के स्टूडेंट
हिमाचल प्रदेश में अब निजी स्कूलों के छात्र भी पांचवीं और आठवीं कक्षा में कम अंक आने पर फेल होंगे। सरकार ने शिक्षा अधिकार अधिनियम को निजी स्कूलों पर भी ...और पढ़ें

अब निजी स्कूलों में भी फेल होंगे पांचवी और आठवीं के छात्र।
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल में निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी पांचवीं और आठवीं में कम अंक आने पर फेल होंगे। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश के निजी स्कूलों पर भी लागू कर दिया है।
परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को इस बाबत पत्र जारी कर दिए हैं। शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर 2025 की परीक्षाओं में नई व्यवस्था लागू होगी। इन विद्यार्थियों की फरवरी 2026 में दूसरी बार परीक्षा होगी। जबकि ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में मई में पेपर होगा।
दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली की ओर से इस सम्बंध में पत्र जारी किया है। सरकारी स्कूलों में ये व्यवस्था पिछले साल लागू कर दी गई है, अब निजी स्कूलों में इसे लागू किया जा रहा है। दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है।
जारी निर्देशों की मुख्य बातें
निजी स्कूल भी होंगे नियमों के दायरे में
निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को रोके जाने (डिटेंशन पॉलिसी) संबंधी सभी पुराने और नए निर्देश अब सभी निजी स्कूलों पर भी उसी तरह लागू होंगे जैसे सरकारी स्कूलों पर।
5वीं व 8वीं में पास होने के लिए यह होगा न्यूनतम मानदंड
छात्रों को पास घोषित करने के लिए दो शर्तें अनिवार्य होंगी। 33 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य है। एसए-1 व एसए 2 के प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य है।
शिक्षा निदेशक ने सभी उपनिदेशकों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के सभी स्कूलों को इन नियमों की सूचना दें और सुनिश्चित करें कि सभी स्कूल इनका पूर्ण पालन करें।

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