Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब होमगार्ड बचाएंगे शिमला के लोगों को कुत्तों से, संवेदनशील स्थान पर होगी तैनाती; रोजाना आ रहे कुत्ते के काटने के मामले

    Updated: Tue, 27 May 2025 08:53 AM (IST)

    शिमला में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए नगर निगम ने योजना बनाई है। संवेदनशील क्षेत्रों में होमगार्ड तैनात किए जाएंगे और कुत्तों के व्यवहार पर नजर रखी जाएगी। कुत्तों को खाना खिलाने का समय तय किया जाएगा और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अस्पतालों में कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं जिससे लोग परेशान हैं।

    Hero Image
    अब होमगार्ड के जवान बचाएंगे शहर के लोगों को कुत्तों से। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। शहर में लोगों को आवारा कुत्तों से बचाने के नगर निगम सभी संवेदनशील स्थानों पर होमगार्ड के जवानों की तैनाती हो सकता है। 15 दिन तक शहर के संजौली, मालरोड, ढली टनल, जाखू, पुराना बस अड्डा, न्यू शिमला के सैक्टर वन टू व थ्री, कुसुम्पटी भट्टाकुफर में गंभीरता से निगरानी होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां पर निगम की टीम कुत्तों के व्यवहार पर नजर रखेंगे। यदि ये हमले करने वाले मुड में ही दिखते हैं तो लोगों को बचाने के लिए होमगार्ड की तैनाती होगी। कुत्तों को खाना देने के लिए समय तय किया जाएगा। स्कूल से आने व जाने के समय में खाना देने पर रोक रहेगी। निगम के पांच कर्मचारी कुत्तों को पकड़ने के लिए जयपुर से प्रशिक्षण ले रहे हैं, इनके लौटते ही पांच अन्य कर्मचारियों को भेजा जाना है।

    कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़ने के एक अतिरिक्त वाहन व रोगी वाहन इनके लिए खरीदा जाना है। निगम के आयक्त भुपेंद्र अत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसले लिए। बता दें कि राजधानी शिमला में कुत्तों के आतंक से हर कोई परेशान है।

    शहर में आए दिन कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे है। इनमें पर्यटकों से लेकर बच्चों और शहर के अन्य लोगों के साथ कुत्तों के काटने की घटनाएं पेश आई है। शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक पर रोक लगाने के लिए नगर निगम शिमला सोमवार को बैठक की।

    अस्पतालों में रोजाना आ रहे कुत्ते के काटने मामले

    राजधानी शिमला के अस्पतालों में कुत्ते के काटने के मामले रोजाना सामने आए रहे है। इन मामलों में पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पिछले हफ्ते में करीब 100 लोग कुत्तों के शिकार हो चुके हैं।

    इन्हें डीडीयू अस्पताल में एंटी रेबीज के टीके लगाए गए। कुत्तों के साथ शिमला के लोग बंदरों के उत्पात से भी परेशान हैं। डॉक्टरों का मानना है कि गर्मियों में कुत्तों के व्यवहार में बदलाव देखा जाता है और इसी वजह से कुत्तों के लोगों पर हमले भी बढ़ जाते हैं।