Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal News: आगामी बजट में किसान की आय बढ़ाने के लिए आएंगी नई योनजाएं, CM सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों से किया सीधा संवाद

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के बारे में आज तक गंभीरता से विचार नहीं किया और मैं दुग्ध उत्पादकों स्वावलंबी बनाना चाहता हूं ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सके। इसके जरिए किसानों को शोषण से बचाने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है।

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Mon, 12 Feb 2024 05:21 AM (IST)
    Hero Image
    CM सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों के साथ किया संवाद (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि आज तक दुग्ध उत्पादन के बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया।

    उन्होंने कहा कि मैं आपको स्वावलंबी बनाना चाहता हूं, ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सके। किसानों को शोषण से बचाने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुग्ध उत्पादकों के साथ किया संवाद

    जब गांव के लोगों की आय बढ़ेगी, तभी हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टेक्नोलाजी को साथ लेकर चलना होगा।

    शिमला के होटल पीटरहाफ में प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि को उद्योग के रूप में प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसानों को सामर्थ्यवान एवं स्वावलंबी बनाया जा सके।

    दुग्ध उत्पाद को लेकर ये कहा

    उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जिसमें कृषि व दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं ला रही है, ताकि पशुपालन और कृषि के बारे में समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव आ सके। आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

    प्राकृतिक खेती में किसानों का भविष्य है, जिसमें पशुपालन की भूमिका अहम है क्योंकि कृषि व दूध उत्पादन का सीधा आपसी संबंध है। उन्होंने कहा कि किसानों के हाथ में पैसा पहुंचे, इसके लिए नीतियों व नियमों में मूलभूत परिवर्तन किए जा रहे हैं।

    राज्य सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही आगे

    वर्तमान राज्य सरकार जन सहयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है और कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन के दृष्टिगत पशुपालन को विशेष रूप से बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार दूध उत्पादकों को कर में रियायत देने पर भी विचार करेगी।

    उन्होंने कहा कि हिमाचल में दूध की गुणवत्ता बेहतर है तथा इसमें और सुधार करते हुए बेहतर विपणन व्यवस्था से जोड़कर किसानों की आय में आशातीत बढ़ोतरी की जा सकती है। इसी दृष्टिकोण के साथ सरकार अब कृषि को रोजगार के रुप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।

    कांगड़ा में स्थापित किया जाएगा दुग्ध संयंत्र

    राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध खरीद मूल्य को लागत मूल्य के आधार पर देने के लिए ‘हिम गंगा योजना’ की शुरुआत इस वित वर्ष से कर दी गई है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

    इसके साथ ही जिला कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर अनुमानित 226 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

    कार्यक्रम में किया सीएम सुक्खू का स्वागत

    संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का भी अध्ययन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ खुले संवाद सत्र में व्यापक चर्चा भी की और किसानों व अन्य हितधारकों से मिले सुझावों को राज्य सरकार की नीति में शामिल करने का आश्वासन भी दिया।

    कार्यक्रम में पहुंचने पर सचिव कृषि, राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जबकि मिल्कफेड के प्रबंधक निदेशक डॉ. विकास सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।