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    Himachal में इन टीचरों के लिए बने भर्ती और प्रमोशन से जुड़े नए नियम, मंत्रिमंडल की मुहर के बाद मिलेगा अंतिम रूप

    Updated: Wed, 22 May 2024 02:09 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में उन स्कूली शिक्षकों के लिए नई खबर हैं जो फिजिकल एजुकेशन सब्जेक्ट पढ़ाते हैं। दरअसल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के लिए नई भर्ती एवं पदोन्नति से जुड़े नियम बना लिए गए हैं। अब इन्हें प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) से जाना जाएगा। नए नियमों के तहत लेक्चरर शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) के 486 पद सृजित करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

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    Himachal में इन टीचरों के लिए बने भर्ती और प्रमोशन से जुड़े नए नियम

    विधि संवाददाता,  शिमला। Himachal Pradesh News: शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के लिए नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बना लिए गए हैं। अब इन्हें प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) से जाना जाएगा। आचार संहिता लागू होने के कारण मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हो सकी, जिस कारण इन नियमों को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष नहीं रखा जा सका।

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    सभी औपचारिकताएं कर ली गईं पूरी

    इन शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से जुड़े मामले में शिक्षा विभाग ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को बताया कि विभाग ने नए नियमों के तहत लेक्चरर शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) के 486 पद सृजित करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं।

    नियमों को बनाने के लिए सलाहकार विभागों की अनुमति जरूरी होती है। शिक्षा विभाग ने वित्त और कार्मिक विभाग की सहमति ले ली है और अब यह नियम विधि विभाग और लोक सेवा आयोग के विचाराधीन हैं।

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    कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद 20 मई तक इन नियमों को बनाने का आदेश दिया था और शिक्षा सचिव को चेतावनी दी थी कि यदि अगली सुनवाई तक नियम नहीं बने तो उन्हें अदालत की अवमानना के दोष में दंडित किया जा सकता है।

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    न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने हिमाचल प्रदेश शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ की ओर से दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि डेढ़ वर्ष पहले शिक्षा विभाग को जमा एक व दो कक्षाओं को पढ़ाने वाले शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने का आदेश दिया था।

    सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग ने इन नियमों को अंतिम रूप देने के लिए आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए छह सप्ताह के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उपरोक्त नियमों को लागू करने का आदेश दिया था।

    स्कूल लेक्चर के बराबर वेतनमान के लिए लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई

    अब मामले पर सुनवाई तीन जुलाई को होगी। प्रार्थी संघ का आरोप है कि वे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जमा एक व दो कक्षा के छात्रों को शारीरिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

    इससे पहले उन्होंने बिना भेदभाव के अन्य विषयों के स्कूल लेक्चर के बराबर वेतनमान पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी।

    उसमें सफलता पाने के बाद एनसीटीई की ओर से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले शिक्षकों को सरकार ने अन्य स्कूल प्रवक्ताओं के बराबर वेतनमान तो दे दिया, परंतु नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम नहीं बनाए। इन नियमों के अभाव में वे उच्च पद के लिए पदोन्नति पाने में असमर्थ हैं।

    आज तक अमल में नहीं लाए गए आदेश

    प्रार्थी संघ का कहना है कि उनके लिए वर्ष 1973 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम ही आज तक लागू किए जा रहे हैं। कोर्ट ने प्रार्थी संघ की दलीलों से सहमति जताते हुए पहली दिसंबर, 2022 को पारित फैसले के तहत भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने का आदेश दिया था, जिन्हें आज तक अमल में नहीं लाया गया।

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