Nematodes Affecting Potato: आलू पर निमेटोड की मार, बीज के लिए तीन साल का इंतजार
शिमला के सीपीआरआइ के सामाजिक विज्ञान संभाग के प्रमुख डा. एनके पांडे ने बताया कि सीपीआरआइ के कुफरी व फागू के फार्मा में निमेटोड पाए जाने से वहां आलू बीज तैयार नहीं किया जा रहा है। फसल चक्र अपनाकर मिट्टी को निमेटोड मुक्त किया जा रहा है।

शिमला, यादवेंद्र शर्मा। आलू पर निमेटोड की मार पड़ने से बीज संरक्षण का काम रुक गया है। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआइ) शिमला के फार्मो से अब तीन वर्ष तक आलू के बीज नहीं मिलेंगे। इससे आने वाले समय में आलू की कुछ खास किस्मों की किल्लत हो सकती है। शिमला से यादवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट..
कुफरी और फागू फार्मो में फैला रोग
15 हेक्टेयर में फैले कुफरी और फागू फार्मो में यह रोग पाया गया है। यहां से एक हजार क्विंटल आलू बीज तैयार कर हिमाचल सहित पंजाब, गुजरात, राजस्थान व उत्तराखंड राज्यों के किसानों को उपलब्ध करवाया जाता है। अब यहां निमेटोड को खत्म करने के लिए आलू उगाया तो जा रहा है, लेकिन कंद लगने से पहले ही उसे उखाड़ कर नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा फसल चक्र के तहत राजमाश, सरसों व जई आदि उगाई जा रही है। इस तरह मिट्टी को उपचारित करने में करीब तीन साल का समय लगेगा। केंद्र सरकार ने निमेटोड पाए जाने से आलू बीज की बिक्री पर रोक लगाई है।
क्या है निमेटोड
निमेटोड यानी सूत्रकृमि को सबसे पहले जोन्स ने वर्ष 1961 में तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ियों से खोजा था। इसे केवल माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जाता है। यह आलू के लिए सबसे बड़ा खतरा है। विज्ञानियों का दावा है कि रासायनिक आधार पर निमेटोड का उपचार मुश्किल है। एक मादा सूत्रकृमि 350 तक अंडे देती है। ऐसे में इनकी संख्या बहुत जल्द करोड़ों में हो जाती है। इसकी पुट्टी सुनहरी पीले रंग की होती है। यह आलू की जड़ों को प्रभावित करता है। इससे पौधे को पोषक तत्व नहीं मिल पाते और उसकी वृद्धि रुक जाती है। निमेटोड ग्रसित आलू खाने से स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। हिमाचल में आलू की तीन फसलें ली जाती हैं। अप्रैल, सितंबर और दिसंबर व जनवरी में आलू की बुआई होती है।
नौ सरकारी व निजी फॉर्मो में पाए जाते हैं निमोटेड
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा 2012-18 में निमेटोड पर किए शोध में संस्थान के दो फार्मो कुफरी व फागू, हिमाचल कृषि विभाग व आलू बीज उत्पादन के 13 निजी फार्मो से निमेटोड की जांच को सैंपल लिए थे। इनमें कुफरी व फागू सहित प्रदेश के नौ सरकारी व निजी आलू बीज उत्पादन फार्मो में निमेटोड पाया गया।
- केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के फार्मो से नहीं मिलेगा तीन वर्षो तक आलू बीज
- कुफरी व फागू के फार्मो में किया जाएगा मिट्टी को उपचारित
- हिमाचल सहित पंजाब, गुजरात, राजस्थान व उत्तराखंड जाता है बीज
इस तरह होता है निमेटोड का उपचार
- जिस खेत में पहले आलू उगाए हैं, उसमें कम से तीन वर्ष तक न उगाएं
- फसल चक्र यानी बदल-बदल कर फसलों को उगाया जाए
- जिस खेत में निमेटोड हो उसे पुरी तरह से पानी से भर दिया जाए और कुछ समय ऐसे ही रहने दिया जाए
शिमला के सीपीआरआइ के सामाजिक विज्ञान संभाग के प्रमुख डा. एनके पांडे ने बताया कि सीपीआरआइ के कुफरी व फागू के फार्मा में निमेटोड पाए जाने से वहां आलू बीज तैयार नहीं किया जा रहा है। फसल चक्र अपनाकर मिट्टी को निमेटोड मुक्त किया जा रहा है।

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