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राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप, दस दिन बाद दर्ज हुई FIR

स्कूली छात्राओं ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं वारदात 19 अक्टूबर की है इस मामले में पुलिस ने 10 दिन बाद एफआइआर दर्ज की।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 07:46 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 07:46 AM (IST)
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप, दस दिन बाद दर्ज हुई FIR
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप, दस दिन बाद दर्ज हुई FIR

शिमला, राज्य ब्यूरो। रोहड़ू क्षेत्र के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की आठ छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न मामले की लोगों ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन व गुड़िया हेल्पलाइन तक शिकायत की थी। सूत्रों के अनुसार गुड़िया हेल्पलाइन में 27 अक्टूबर को शिकायत की थी। इसमें पुलिस पर उचित कार्रवाई न करने के आरोप लगाए गए थे। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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मामले में आला अधिकारी दखल न देते तो छात्राओं को न्याय नहीं मिल पाता। वारदात 19 अक्टूबर की है। पुलिस ने उसके 10 दिन बाद एफआइआर दर्ज की। आरोपित शिक्षक संजय देष्टा के खिलाफ शील भंग करना और पोक्सो एक्ट तहत यह कार्रवाई की है। पुलिस ने मंगलवार को उसके गांव में दबिश दी लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह जमानत के लिए कोर्ट जा सकता है।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एक शिक्षक पर स्कूली छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र के एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से संबंधित है। सूत्रों के अनुसार नौवीं से लेकर जमा एक कक्षा की आठ छात्राओं ने इस संबंध में स्कूल प्रशासन से शिकायत की है। स्कूल की यौन उत्पीड़न रोकथाम कमेटी ने मामले की जांच-पड़ताल की।

इसकी रिपोर्ट उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक को भेजी गई। इस रिपोर्ट को उपनिदेश पुलिस बताएगी आरोप सही हैं या नहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इससे मैं आहत हूं। आरोप सही हैं या नहीं, इस संबंध में पुलिस बेहतर बता सकती है।

एफआइआर दर्ज करने के बाद आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए गांव में दबिश दी गई। इस दौरान शिक्षक घर पर नहीं मिला। यह अपराध गैर जमानती है, इस कारण गिरफ्तारी भी हो। प्रधानाचार्य ने शिकायत करने में देर की। उन्होंने इसकी वजह हृदय से संबंधित समस्या बताई। छुट्टियों के कारण प्रारंभिक जांच बाधित हुई। जांच में पुलिस कोई कोताही नहीं बरतेगी। 

-सुनील नेगी, डीएसपी, रोहडू

छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। आरोपित के खिलाफ कानूनन कार्रवाई होगी। पुलिस पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने का हरसंभव प्रयास करेगी। ऐसे मामलों में संवेदलशीलता बरती जाती है। स्कूल की यौन उत्पीड़न रोकथाम कमेटी ने भी प्रारंभिक जांच की है। यह रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई है। इसमें भी आरोपों की पुष्टि हुई है।

-आसिफ जलाल, डीआइजी, साउथ रेंज, शिमला

दैनिक जागरण ने उठाया था मामला

दैनिक जागरण ने सोमवार को जैसे ही वेब पोर्टल जागरण डाट कॉम पर खबर ब्रेक की, इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। पहले मामला दबाने के प्रयास हुए। कहा गया कि जब तक लिखित शिकायत नहीं आई, तब तक कार्रवाई नहीं हो सकेगी। नियमों के मुताबिक पोक्सो एक्ट में शिकायत आने के 24 घंटे के बाद एफआइआर दर्ज करनी होती है। इस संबंध में राज्य पुलिस बार-बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देती रही। अगर प्रारंभिक जांच भी हो तो भी 48 घंटे से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए, पर इस मामले में दस दिन लग गए।  

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