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    नाहन मेडिकल कॉलेज की शिफ्टिंग को लेकर ड्रामा, शहर से बाहर कांशीवाला ट्रांसफर पर सियासी बवाल; मंत्रिमंडलीय कमेटी की रिपोर्ट तय करेगी किस्मत

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 08:27 PM (IST)

    नाहन में डॉ. वाईएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की तैयारी है। राज्य सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की है, जो अधूरे भवन के उपयोग और वैकल्पिक स्थल की उपलब्धता पर रिपोर्ट देगी। वर्तमान में कॉलेज क्षेत्रीय अस्पताल भवन में चल रहा है, और इसे कांशीवाला में शिफ्ट करने की योजना है, जिसका राजनीतिक विरोध भी हो रहा है।

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    सिरमौर जिला के नाहन स्थित डॉ. वाइएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज को नए स्थान पर बनाने की तैयारी है (फोटो: जागरण)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। सिरमौर जिला के नाहन स्थित डॉ. वाइएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज को नए स्थान पर बनाने की तैयारी है। राज्य सरकार ने इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की है।

    स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल इस समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

    विशेष सचिव (स्वास्थ्य) को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। विधायक नाहन अजय सोलंकी, सिरमौर के उपायुक्त, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता और वन विभाग के डीएफओ नाहन को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

    राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार मंत्रिमंडलीय उप समिति को निर्देश दिए हैं कि वह नाहन मेडिकल कॉलेज के अधूरे भवन के उपयोग, निर्माण कार्य की स्थिति, संबंधित मध्यस्थता मामले और आवश्यकतानुसार वैकल्पिक स्थल की उपलब्धता पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे।

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    अभी यह मेडिकल कालेज क्षेत्रीय अस्पताल भवन में चल रहा है। इसका नया भवन बनाने का काम भी शुरू किया था, जो पिछले काफी समय से बंद पड़ा हुआ है। करोड़ों रुपए इस पर खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है।

    राज्य सरकार इस मेडिकल कॉलेज को शहर से बाहर कांशीवाला में स्थानांतरित करने की योजना है। यह शहर से करीब डेढ़ से दो किमी की दूरी पर स्थित है। इस का राजनीतिक विरोध भी हो रहा है।

    सरकार पहले भी कह चुकी है कि पूर्व सरकार ने शहर के बीचों-बीच मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय लिया जो पूरी तरह अव्यवहारिक था। कालेज को आने जाने के लिए संकरे रास्ते व सड़के है।