शिमला में मुस्लिम व्यक्ति पर चने और नमकीन में थूककर बेचने का आरोप, बिना लाइसेंस 4 महीने से लगा रहा दुकान
हिमाचल (Himachal News) के शिमला (Shimla News) में कालीबाड़ी मंदिर के पास एक मुस्लिम दुकानदार पर चने और नमकीन में थूक कर बेचने का आरोप लगाया गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने बिना लाइसेंस दुकान चलाने की शिकायत की है। समिति ने 10 दिन में कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। नगर निगम इस मामले की जांच कर रहा है।

जागरण संवाददाता, शिमला। Shimla News: देवभूमि संघर्ष समिति ने दावा किया है कि शिमला (Shimla News) में कालीबाड़ी मंदिर को मॉलरोड पर जाने वाले तहबाजारी पर एक मुस्लिम व्यक्ति चने व नमकीन में थूक कर लोगों को बेच रहा है।
बिना लाइसेंस 4 महीने से लगा रहा दुकान
बुधवार को समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि चार महीने से यह दुकान यहां लगी है, लेकिन इसके पास न तो खाद्य उत्पाद बेचने का लाइसेंस है और न ही नगर निगम शिमला से अनुमति ली है।
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समिति के पदाधिकारी विजय शर्मा ने बताया, निगम के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर आकर भी कोई कार्रवाई नहीं कर सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 10 दिन में दुकान को नहीं हटाया तो 500 सनातनी अपने स्टाल शहर के बाजार में लगा देंगे।
चने और नमकीन में थूक कर बेचने का आरोप
समिति की सदस्य कल्पी शर्मा व श्वेता ने आरोप लगाया कि यह दुकानदार थूक कर लोगों को चने व नमकीन बेच रहा है। इस मामले में पहले भी कई महिलाओं की शिकायतें मिली थीं। शहर के उपनगर संजौली में रविवार को एक हिंदू को नगर निगम की टीम ने रेहड़ी पर सब्जी बेचने की अनुमति नहीं दी।
उसकी सब्जी जब्त कर ली। समिति के पदाधिकारी विजय शर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी साथी कल्पी शर्मा और श्वेता ने बुधवार को इसे थूकते देखा था।
नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री का कहना है कि यहां बैठे सभी लोगों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया है। इनका रिकॉर्ड संपदा शाखा से मांगा है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जा सकेगी।
सुलगते सवाल
- शहर में सामान बेचने वाले लोगों का पंजीकरण नगर निगम की नीति के तहत हो रहा है कि नहीं।
- निगम प्रशासन के दावे कागजी तो नहीं। अगर ऐसा है तो शहर के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
- नगर निगम ने चार माह तक इसकी जांच क्यों नहीं की।
- क्या पुलिस में भी आरोपित ने पंजीकरण करवाया है या नहीं।
- हाईकोर्ट ने खाद्य पदार्थों की बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया है, लेकिन शिमला में ही बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेची जा रही है तो इसकी जांच क्यों नहीं हुई?
- चने में थूकते हुए इसकी वीडियो व फोटो के साथ साक्ष्य अवश्य होना चाहिए था।
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