Manali News: सिस्सू में लगा पर्यटकों का मेला, प्रशासन ने दारचा तक जाने की दी अनुमति
टनल खुलने से अब पर्यटकों को लाहुल में पहुंचना सुगम हो गया है। हर रोज पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हो रही है। अटल टनल सहित गुफा होटल व सिस्सू सैलानियों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मनाली : बर्फ में मस्ती करने के लिए सैलानियों ने मनाली व लाहुल का रुख कर लिया है। टनल खुलने से अब पर्यटकों को लाहुल में पहुंचना सुगम हो गया है। हर रोज पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हो रही है। अटल टनल सहित गुफा होटल व सिस्सू सैलानियों का स्नो प्वाइंट बन गया है। लाहुल-स्पीति प्रशासन ने दारचा तक पहले ही पर्यटकों को जाने की अनुमति दी है। अब कुछ सप्ताह बाद पर्यटक सिस्सू के साथ-साथ कोकसर सहित दारचा के साथ लगते पर्यटन स्थल जिगजिगबार की ओर भी जा सकेंगे।
रिकार्ड समय मे शिंकुला बहाल कर लिया
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने हालांकि इस मार्ग रिकार्ड समय मे शिंकुला बहाल कर लिया है, जबकि बारालाचा भी बहाल करने जा रहे हैं लेकिन पर्यटक वाहनों की आवाजाही के लिए अभी कुछ सप्ताह इंतजार करना होगा। अटल टनल के चलते लाहुल के पर्यटन स्थलों में लगभग साल भर बर्फ के दीदार करने को भी मिल रहे हैं। पर्यटकों की आमद बढ़ने से लाहुल में पर्यटन कारोबारियों की बांछे खिल गई है।
शुक्रवार को दो हजार से अधिक पर्यटक वाहन मनाली के सोलंगनाला व अंजनी महादेव सहित लाहुल के पर्यटन स्थल सिस्सू, गुफा होटल पहुंचे। कुल्लू मनाली आ रहे पर्यटकों की इन दिनों शीत मरुस्थल लाहुल घाटी पहली पसंद बन गई है। एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि शिंकुला, कोकसर, ग्रांफू व रोहतांग जैसे पर्यटक स्थलों के दीदार को अभी इंतजार करना होगा। पर्यटकों को फिलहाल दारचा तक ही जाने की अनुमति है इसलिए इससे आगे न जाएं।
आज बहाल हो सकता है बारालाचा दर्रा
जागरण संवाददाता, मनाली : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-बारालाचा-लेह मार्ग शनिवार तक बहाल हो सकता है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बारालाचा दर्रे को बहाल करने में पूरी ताकत झोंक दी है। जंस्कार घाटी को मनाली से जोड़ने के बाद अब बीआरओ लेह लद्दाख की वादियों को सीधे ही बारालाचा होते हुए मनाली से जोड़ने जा रहा है। यह मार्ग हिमपात से पिछले साल नवंबर में बंद हो गया था। बीआरओ में फरवरी के अंत में सड़क बहाली के कार्य शुरू किया था।
मनाली से बारालाचा होते हुए सरचू तक लगभग 180 किलोमीटर का भाग बीआरओ की दीपक परियोजना के हवाले है, जबकि सरचू से लेह तक 250 किलोमीटर सड़क को बीआरओ की हिमांक परियोजना सड़क बहाल करती है। अटल टनल के बनने से भी बीआरओ को इस मार्ग को जल्द बहाल करने में आसानी हुई है। बीआरओ कमांडर कर्नल शबरिश वाचली ने बताया कि बीआरओ बारालाचा दर्रे की बहाली के करीब पहुंच गया है। जवानों का हौसला बढ़ाने और वाहनों को हरी झंडी देने को दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर शनिवार को बारालाचा व सरचू आ रहे हैं।
लेह, जंस्कार से छोटे वाहनों से सुचारू हुई आवाजाही
जागरण संवाददाता, मनाली : शिंकुला बहाल होते ही लेह व जंस्कार से मनाली के लिए छोटे वाहनों की आवाजाही सुचारू हो गई है। इससे शिंकुला के उस पार कारज्ञा, पुरने, पदुम, जंगला, कारश, मुने जैसे गांव के सैंकड़ों ग्रामीणों को राहत मिल गई है। शुक्रवार को भी 10 से अधिक फोर बाय फोर वाहनों में लोग मनाली से आए जबकि मनाली से भी छह वाहन जंस्कार घाटी की ओर रवाना हुए।
शिंकुला बहाल होते ही बीआरओ की योजक परियोजना ने टनल के लिए तैयारी में जुट गई है। जंस्कार के ग्रामीण टशी, सोनम, छोपेल व तुपदेन ने बताया कि शिंकुला टनल के निर्माण से समस्त जंस्कार घाटी में नए युग की शुरुआत होगी। बीआरओ योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि समुद्रतल से 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला में 4100 मीटर लंबी टनल का निर्माण किया जाएगा। टनल निर्माण को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

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