तूफान व ओलावृष्टि से सेब की 40 प्रतिशत फसल तबाह
ऊपरी शिमला के ठियोग रामपुर नारकंडा सहित राजधानी शिमला में तूफान से सेब की फसल को नुकसान हुआ है।

सुनील ग्रोवर, ठियोग
ऊपरी शिमला के ठियोग, रामपुर, नारकंडा सहित राजधानी शिमला में रविवार शाम तूफान व ओलावृष्टि से सेब की फसल झड़ने से भारी नुकसान हुआ है। इससे बागवानों के बेहतर फसल के अरमान टूट गए हैं। तूफान के कारण सेब की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए लगाए गए हेलनेट भी टूट गए हैं। तूफान से छैला से लेकर गढ़ेडी तक के इलाके में कई बगीचों में सेब की 40 प्रतिशत तक फसल पौधों से नीचे झड़कर तबाह हो गई है।
राजना महोग के इलाके में भी तीन दिन से लगातार आ रहे तूफान की वजह से सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस इलाके में भी 20 से 30 प्रतिशत तक सेब झड़ गए हैं। सेब के फसल को हुए इस भारी नुकसान की वजह से बागवानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। पिछले माह बारिश न होने से पैदा हुए सूखे जैसे हालात के बीच तापमान अधिक होने से कम और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में सेब की फसल पर विपरीत असर हुआ था। अब तूफान आने से बागवानों पर प्रकृति की दोहरी मार पड़ी है। तूफान से उड़ी कई मकानों की छतें
तूफान से कई मकानों की छतें उड़ गई। तूफान की वजह से मझार पंचायत में नवनिर्मित मकान की छत उखड़कर जमीन पर आ गिरी। यह मकान रमेश जोगटा का है जो कुछ दिन पहले ही बनाया गया था। इसके लिए प्रशासन से मुआवजे की मांग की गई है। रमेश काफी गरीब परिवार से हैं। पिछले तीन दिन से तूफान ने बागवानों की कमर तोड़ दी है। बगीचों में हर जगह गिरे हुए फल नजर आ रहे हैं। अधिकतर बागवानों के बगीचे में 40 प्रतिशत सेब झड़ गए हैं। सरकार को फसल को हुए नुकसान का जल्द आकलन करवा कर मुआवजा देने का प्रविधान करना चाहिए।
- इशु चंदेल, बागवान। छैला से गढ़ेडी तक तूफान के कारण सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बगीचों में पौधों और फसल को सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए हेलनेट भी टूट गए हैं। फसल को हुए नुकसान की भरपाई होनी चाहिए।
- जितेंद्र चंदेल, बागवान। तूफान और तेज हवा ने सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। अधिकतर बगीचों में फलों के गिरने से बागवान चितित हैं। तूफान से पौधों के ऊपर लगाई जाली भी जगह-जगह से टूट गई है। सरकार को फसल बीमा योजना के तहत बागवानों को उचित मुआवजा देने की जल्द घोषणा करनी चाहिए।
- देव शर्मा, बागवान। शुक्रवार से चल रहे तूफान ने बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अधिकांश बागवानों की फसल जमीन पर आ गिरी है। सेब की फसल से बागवान पूरे साल का खर्चा निकालते हैं लेकिन पहले सूखे जैसी स्थिति और अब तूफान ने आर्थिकी को हिलाकर रख दिया है। सरकार को बागवानों के हितों को ध्यान में रख कर जल्द मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए।
- सुरेश शर्मा, बागवान।
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