पटवारी नहीं, अब मोबाइल फोन से लीजिए जमीन का पर्चा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जुलाई में भू-नक्शा योजना का एप लांच करेंगे। प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना शुरू होने जा रही है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जमीन का पर्चा लेने के लिए या भूमि का स्टेटस जानने के लिए अब अब पटवारी के चक्कर काटने की जरूरत नहीं रहेगी। भूमि मालिक घर बैठे अपने मोबाइल फोन पर जमीन का स्टेटस जान सकेंगे। प्रदेश सरकार राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटल स्वरूप में लाने में जुटी है। इन दिनों जिला मंडी का राजस्व रिकॉर्ड डिजिटल किया जा रहा है। जुलाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी से भू-नक्शा योजना का एप लांच करेंगे। प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना शुरू होने जा रही है। प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड कंप्यूटरीकृत तो हो चुका है, मगर उसे मोबाइल पर देखने की व्यवस्था नहीं थी। इस कार्य के लिए एप तैयार किया जा रहा है। राजस्व रिकॉर्ड डिजिटल करने के लिए महकमे के आला अधिकारियों की टीम नई दिल्ली में बैठे अधिकारियों के साथ रोजाना वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कर रही है। केंद्र सरकार ने 2013 में राज्य के लिए राजस्व डाटा डिजिटाइजेशन की योजना दी थी।
इन पांच जिलों में मिलेगी सुविधा राज्य के दूरस्थ चंबा जिला के साथ-साथ हमीरपुर, किन्नौर, लाहुल-स्पीति और मंडी जिला के लोग अपनी जमीन को मोबाइल पर देख सकेंगे। इन जिलों में समूचा राजस्व रिकॉर्ड डिजिटल स्वरूप में आ चुका है।
2013 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट 2013 में केंद्र से प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ था, मगर प्रदेश में राजस्व विभाग की ओर से कई तरह के बहाने बनाए गए। सात जिलों में अभी तक राजस्व रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हो पाया है। अभी तक करीब 50 से 80 प्रतिशत कार्य हुआ। प्रदेश के सबसे बड़े कांगड़ा जिला में भी काम धीमी गति से चला हुआ है। शिमला जिला भी इस मामले में पिछड़ा हुआ है। ऊना, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू जिलों में प्रशासन स्टॉफ की कमी का कारण बता रहा है।
सरकार डिजिटल स्वरूप को हर क्षेत्र में क्रियान्वित कर रही है। उसी का परिणाम है कि राज्य में राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है। इससे जमीन मालिक को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे जमीन को सरकारी दस्तावेजों में देख सकता है।
-विनीत चौधरी, मुख्य सचिव।
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