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    Himachal News: अब किन्नौर में पैदा नहीं होते कम भार के बच्चे, हर साल सुधर रही स्थिति

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:11 AM (IST)

    किन्नौर जिले के पूह ब्लॉक में पहले 35% नवजात शिशु कम वज़न के होते थे। नीति आयोग ने 2023 में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम शुरू किया, जिससे महिलाओं को पोषण के बारे में जागरूक किया गया। परिणामस्वरूप, अब पूह में कोई भी बच्चा कम वज़न का पैदा नहीं हो रहा है। महिलाओं का पंजीकरण और पोषण मिलने की दर भी बढ़ी है, जिससे स्थिति में सुधार हुआ है।

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    File Photo

    समर नेगी, रिकांगपिओ। हिमाचल के किन्नौर जिले के पूह ब्लॉक में वर्ष 2023 तक 35 प्रतिशत नवजात जन्म के समय कम भार के होते थे। अधिकतर का भार ढाई किलो से कम रहता था। जागरूकता का अभाव व भौगोलिक परिस्थितियां इसका कारण रहीं।

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    नीति आयोग ने वर्ष 2023 में पूह का चयन आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम में किया। महिलाओं को फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट का सेवन करने के लिए प्रेरित किया। जागरूकता अभियान के कारण दो वर्ष में ही यहां बदलाव आया। अब यहां कोई भी बच्चा कम भार का पैदा नहीं हो रहा है।

    उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को नीति आयोग की बैठक में किन्नौर के एडीएम रविंद्र कुमार ने अभियान की रूपरेखा, कठिनाइयों और लक्ष्य प्राप्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम के तहत 27 पंचायतों व 6040 घरों वाले ब्लाक ने इसके कारणों को जानने का काम किया। इसमें पाया कि यहां गर्भवती महिला का प्रसवपूर्व देखभाल के लिए अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण करवाने की दर 76 प्रतिशत थी, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा कम पूरक पोषण दर की थी।

    दो वर्ष पहले यहां पर महिलाओं की पूरक पोषण दर 2.88 प्रतिशत ही थी। इसके साथ ही 35 प्रतिशत बच्चों का वजन कम था। इस योजना के तहत इन दोनों पर काम शुरू करते हुए महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण अस्पताल में प्रसवपूर्व देखभाल के लिए शुरू किया। आज इस ब्लाक की 96.97 प्रतिशत महिलाओं का पंजीकरण हो रहा है।

    इसी तरह महिलाओं को पूरक पोषण मिलने की दर को योजना के प्रयास से 2.88 से बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। इसका परिणाम ये रहा कि दो साल पहले जहां पूह ब्लाक में हर तीन में से एक बच्चा कम वजन का पैदा होता था, वहीं अब 100 प्रतिशत बच्चों का वजन ढाई किलो से ज्यादा होता है।

    नीति आयोग के जागरूकता कार्यक्रम से स्वस्थ नवजात की दर में सुधार

    आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विकास पहल है। इसका उद्देश्य देश के सबसे पिछड़े ब्लाकों में सामाजिक, आर्थिक और विकासात्मक मानकों को सुधारना है। यह कार्यक्रम सात जनवरी 2023 को शुरू किया गया था और यह "आकांक्षी जिला कार्यक्रम" पर आधारित है। इसके तहत 27 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के ब्लाकों को चिह्नित किया है और नीति आयोग इनके संचालन और प्रगति की निगरानी करता है।