Kangra जिला के लिए 558 करोड़ रुपये की दो सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत, चार हलकों के 161 गांव होंगे लाभान्वित
Kangra Irrigation Scheme कांगड़ा के लिए केंद्र सरकार ने दो सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जवाली और शाहपुर के 45 गांवों को सूखाहार मध्यम सिंचाई परियोजना से लाभ होगा जिसमें 219 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ज्वालामुखी और देहरा के 116 गांवों के लिए 339 करोड़ रुपये की एक और परियोजना स्वीकृत की गई है। इन Kangra News Irrigation Scheme से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Kangra Irrigation Scheme, हिमाचल प्रदेश के जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े जिला कांगड़ा के लिए दो महत्वपूर्ण मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को केंद्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से जिला कांगड़ा के लगभग 160 गांवों को सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी, जिससे हजारों किसान लाभान्वित होंगे तथा कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित ‘‘सूखाहार मध्यम सिंचाई परियोजना’’ को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की तकनीकी सलाहकार समिति की ओर से स्वीकृति प्रदान की गई है। यह परियोजना लगभग 219 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी।
शाहपुर और जवाली के 24 हजार लोगों को होगा सीधा लाभ
इस परियोजना के माध्यम से जवाली और शाहपुर विधानसभा क्षेत्रों के 45 गांवों की 2,186 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे लगभग 24,120 ग्रामीणों को सीधा लाभ होगा। यह क्षेत्र अब तक वर्षा पर आधारित पारंपरिक कृषि प्रणाली पर निर्भर था, जहां सिंचाई के अभाव में किसान अनेक कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। परियोजना के कार्यान्वयन से अब खरीफ और रबी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और कृषक आय में बढ़ोतरी होगी।
देहरा व ज्वालामुखी के 116 गांव होंगे लाभान्वित
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ज्वालामुखी और देहरा विधानसभा क्षेत्रों के लिए 339 करोड़ रुपये की एक अन्य मध्यम सिंचाई परियोजना को भी तकनीकी मंजूरी प्रदान की गई है। इस परियोजना से 116 गांवों के हजारों किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। यह क्षेत्र भी लंबे समय से सिंचाई अवसंरचना की कमी से प्रभावित था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेंगी। निर्माण कार्यों के दौरान स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी और युवाओं को प्रशिक्षित कर तकनीकी कार्यों में भी शामिल किया जाएगा।
भू-जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
इन परियोजनाओं से भू-जल संरक्षण, फसल विविधता को बढ़ावा और जल उपयोग दक्षता में सुधार जैसे बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी लड़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया को जल्द पूर्ण किया जाएगा, ताकि निर्माण कार्य को समयबद्ध शुरू किया जा सके।
उपमुख्यमंत्री बोले, परियोजना में न हो देरी
उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में देरी न हो और परियोजना के सभी प्रशासनिक व तकनीकी पहलुओं को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और प्रदेश के ‘हर खेत को पानी’ के लक्ष्य की ओर ले जाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से प्रदेश में किसानों के सुरक्षित भविष्य के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं।
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