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    Himachal Toy Train: मिट्टी से भरे थैले लेकर चली रेलगाड़ी, पर्यटकों को पहाड़ों का मिलेगा रियल लाइफ एक्सपीरियंस

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:10 PM (IST)

    कालका-शिमला रेल मार्ग पर डेमू ट्रेन का भार के साथ ट्रायल किया गया। अधिकारियों ने सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की जांच की। ट्रेनसेट में बड़ी खिड़कियां, आकर ...और पढ़ें

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    सोलन के धर्मपुर रेलवे स्टेशन पर वीरवार को ट्रायल के दौरान खड़ी डेमू ट्रेन l जागरण

    संवाद सहयोगी, सोलन। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर डेमू ट्रेन (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) के सेट का वीरवार को भार के साथ ट्रायल किया गया। मिट्टी व अन्य सामग्री से भरे थैल रख ट्रेनसेट में डाल कर रेल मार्ग पर चलाया गया।

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    इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी ट्रेन के भीतर मौजूद रहे और सुरक्षा व तकनीकी व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की। ट्रायल के दौरान इंजन ने अधिक हीट नहीं ली। सभी कोच के रेडियेटर सुचारू रूप से कूलिंग में रहे। अधिकारियों ने कोचों में लगे एसी, एलईडी लाइट, बिजली कंट्रोल पैनल और अन्य सुविधाओं का भी परीक्षण किया।

    ट्रायल के निष्कर्षों की विस्तृत रिपोर्ट अब उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी व उसे मंत्रालय के पास भी भेजा जाएगा। इसके बाद ही ट्रेनसेट के कमर्शियल संचालन को हरी झंडी मिलेगी। अभी इसमें कुछ छोटे-छोटे बदलाव अभी किए जाने हैं, जिनके पूरा होने पर इसे यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रैक पर उतार दिया जाएगा। बेंगलुरु की कंपनी की ओर से तैयार तीन कोच वाला अत्याधुनिक ट्रेनसेट पर्यटन की दृष्टि से विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। खिड़कियां सामान्य से बड़ी हैं, जिससे यात्री हरी-भरी वादियों का नजारा आसानी से ले सकेंगे।

    कोच में लगी होगी आकर्षक चित्रकला 

    ट्रेनसेट के बाहरी हिस्से पर आकर्षक चित्रकला भी की गई है जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करेगी। साथ ही एक कोच से दूसरे कोच तक आसान आवाजाही की सुविधा भी उपलब्ध है। दोनों सिरों पर इंजन लगे होने से ट्रेनसेट को एक दिशा से दूसरी दिशा में घुमाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

    आगे व पीछे वाले कोच में 19-19 सीटें जबकि बीच वाले कोच में 21 सीटें लगाई गई हैं। एलईडी लाइटिंग, फायर सेफ्टी सिस्टम और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट जैसी सुविधाएं इसे और भी आधुनिक बनाती हैं। एक और दो दिसंबर को भी इसी ट्रेनसेट का ट्रायल किया गया था। अब भार के साथ परीक्षण में अधिकतर व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई हैं।

    डेमू ट्रेन की खूबियां

    डेमू ट्रेन डीजल से चलने वाली हल्की और छोटी पैसेंजर ट्रेन होती है, जो आमतौर पर छोटी दूरी पर चलती है। इसे लोकल व पैसेंजर ट्रेन का उन्नत रूप माना जाता है। इस ट्रेन का इंजन अलग से नहीं होता, हर डिब्बे में अपना छोटा इंजन होता है। ट्रेन का पिकअप तेज होता है, जल्द ही गति पकड़ लेती है।

    अपने रूट में बार-बार रुकने के लिए इसे बेहतर माना जाता है। डेमू ट्रेन के ट्रायल में सफलता मिलती है तो कालका से शिमला तक छह घंटे के सफर की अवधि कुछ कम हो सकती है। पांच घंटे में नई ट्रेन से कालका से शिमला पर्यटक पहुंच सकेंगे। अगले समर सीजन से इस ट्रेन को शुरू किया जा सकता है।