खास हो गई है शिमला की टॉय ट्रेन, अब कांच की छत और 360 डिग्री घूमने वाली चेयर का मजा ले सकेंगे यात्री
कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर अब पर्यटकों को टाय ट्रेन लुभाएगी जिसमें पैनोरामिक कोच होंगे। इन कोच में बड़ी खिड़कियां और आधुनिक सुविधाएं जैसे कैमरे और फायर अलार्म होंगे। कोच को कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री भेजा गया था जहां सुधार कार्य लगभग पूरा हो चुका है। टाय ट्रेन के नए डिब्बों को कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ाने के लिए रेल मंत्रालय से स्वीकृति का इंतजार है।

शिखा वर्मा, शिमला। टाय ट्रेन अपने विशेष मंजूरी मिलते की जाएगी आरंभ टाय ट्रेन का हो सकता है ज्यादा पैनोरामिक कोच के लिए जानी जाती है। इस ट्रेन से न केवल यात्रा आरामदायक होती है, बल्कि यात्रियों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर भी मिलता है।
पैनोरामिक कोच में बड़ी खिड़कियों से यात्रियों को चारों ओर के दृश्य स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। अब कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर भी पर्यटकों को ऐसी ट्रेन लुभाएगी।
कालका-शिमला रेल ट्रैक सुरंगों, पुलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनियाभर में मशहूर है। ऐसे में रेलवे अब इस ऐतिहासिक नैरोगेज लाइन पर अत्याधुनिक पैनोरामिक कोच शुरू करने जा रहा है।
इस बार कैमरे और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। इन कोच का पहला ट्रायल किया जा चुका है, लेकिन कुछ तकनीकी खामियां आई थीं। इन्हें दूर करने के लिए कोच को कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री भेजा था। विस्टाडोम और पैनोरामिक भारतीय रेलवे द्वारा बनाए विशेष कोच हैं। ये यात्रियों को बेहतर दृश्य अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
विस्टाडोम कोच में बड़ी खिड़कियां, कांच की छत और 360 डिग्री घूमने वाली सीट होती हैं, जबकि पैनोरामिक कोच में बड़ी खिड़कियां और कांच की छत होती है, लेकिन सीट निश्चित दिशा में होती हैं। इमसें दरवाजे ऑटोमेटिक होते हैं। सुधार कार्य लगभग पूरा हो चुका है। टाय ट्रेन के नए डिब्बों को कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ाने के लिए रेल मंत्रालय से स्वीकृति का इंतजार है। मंजूरी मिलते ही यह ट्रेन दौड़ती नजर आएगी।
इन कोच में दरवाजे ऑटोमैटिक हैं, यानी बटन से खुलेंगे। कोच में शोर के अलावा ट्रेन के चलने की कंपन भी महसूस नहीं होगी। छत पर लगे शीशे को यात्री सुविधा अनुसार ब्लर भी कर सकेंगे। एंटी अल्ट्रा वायलेट कोटेड विंडो ग्लास, हीटिंग-कूलिंग पैकेज एसी, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, फिलप बैंक के साथ माड्यूलर सीटिंग रेल माउंटेड सीट, एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए लग्जरी सीट के साथ रेस्टोरेंट सिटिंग, ऑन बोर्ड मिनी पैंट्री, इंटर कार गैंग-वे (वेस्टिबुल) आदि सुविधाएं होंगी।
अभी एक कोच में 22 सीट होती हैं, वहीं अब घटकर 18 रह जाएंगी। इन कोच में सफर थोड़ा महंगा हो सकता है। विस्टाडोम का किराया 630, शिवालिक डीलक्स का 540, क्लास वन का 470 और सामान्य सीट का 65 रुपये प्रति सीट है। नए कोच का किराया अभी तय किया जाना प्रस्तावित है।
इस 96 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 103 सुरंगें और 869 छोटे-बड़े पुल हैं। इनमें बड़ोग रेलवे स्टेशन की 33 नंबर सुरंग सबसे लंबी है, जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। यह सुरंग निर्माण के समय दुनिया की सबसे लंबी नैरोगेज सुरंग थी। इस ट्रैक पर 18 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें हर स्टेशन की अपनी ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय विशेषताएं हैं।
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