शिमला: सुक्खू सरकार पर भड़के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, आपदा राहत में विफल रहने का लगाया आरोप
शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर आपदा राहत में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छह महीने बाद भी सड़कें बहाल नहीं हो पाई ...और पढ़ें
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सुक्खू सरकार पर भड़के जयराम ठाकुर (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर आपदा राहत में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा से राहत के मामले में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पूरी तरह विफल और संवेदनहीन साबित हुई है। छह महीने बीत जाने के बाद भी सरकार अभी तक बह चुकी सड़कों में मिट्टी और पत्थर भरवा कर भी उन्हें बहाल नहीं करवा पाई। इसकी वजह से प्रदेश में मंडी और आसपास के जिलों की सैकड़ो पंचायत सड़क मार्ग से कटी हुई है।
प्रदेश में सड़कों की दशा चिंतानजक- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़कें न होने के कारण आज सैकड़ों गांव वाहनों की पहुंच से दूर हैं। आपात स्थिति में किसी बीमार बुजुर्ग को या फिर गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो, तो उन्हें पालकी पर लादकर कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। जो सड़कें इस आपदा में बह गई, उन्हें पक्की करना तो दूर उनके गड्ढे भी ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं भरे जा सके हैं।
राहत कार्यों की बजाय जश्न मना रही सरकार
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर सड़के बहाल करने में अपनी असमर्थता जाता रहे हैं। बजट क्यों नहीं है, इसका जवाब सरकार न तो सार्वजनिक मंचों से देती है और नहीं सदन में। मंडी और आसपास के जिलों में सबसे अधिक तबाही हुई, लेकिन सरकार ने राहत कार्यों की बजाय जश्न मनाना ज्यादा जरूरी समझा।
'राहत और पुनर्वास के नाम पर कुछ भी नहीं'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि जितनी फुर्ती से मुख्यमंत्री ने संस्थानों को शिफ्ट किया और आपदा प्रभावितों पर फर्जी मुकदमें दर्ज करके उन्हें थाने बुलाया जा रहा है, अगर उतनी फुर्ती से सड़कों की बहाली होती तो आज यह दिन नहीं देखने पड़ता। सरकार ने जश्नों और उत्सवों में समय और संसाधन लगाए, लेकिन जिन क्षेत्रों में घर, सड़कें और आजीविका तबाह हो चुकी है, वहां राहत और पुनर्वास के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता।
'आपदा पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया'
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और कुछ ही दिनों में बर्फबारी का दौर आने वाला है, लेकिन आपदा प्रभावित लोगों के पास न रहने का ठिकाना है और न ही भविष्य को लेकर कोई भरोसा। सरकार ने न अस्थायी आवास की व्यवस्था की और न ही ठंड से बचाव के लिए कोई ठोस योजना बनाई। सुख की सरकार की उदासीनता और अकर्मण्यता ने प्रदेश के आपदा पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में तुरंत राहत, सड़क बहाली, अस्थायी आवास के लिए तत्काल बजट जारी किया जाए।

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