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    Himachal News: 'डेढ़ साल से लंबित पड़े प‍रीक्षा परिणाम, खतरे में युवाओं का भविष्‍य'; जयराम बोले- चुप क्‍यों है सरकार?

    Himachal Politics हिमाचल प्रदेश में युवाओं का भविष्‍य खतरे में है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर(Jairam Thakur) का कहना है। जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्‍खू को आड़े हाथ लिया है। उन्‍होंने कहा कि डेढ़ साल से परीक्षा परिणाम लंबित पड़े हुए हैं। इससे युवाओं का भविष्‍य खतरे में आ गया है और हिमाचल सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है।

    By rohit nagpal Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 21 Jul 2024 02:12 PM (IST)
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    जयराम ठाकुर ने सीएम सक्‍खू पर साधा निशाना (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने कहा कि सरकार हर दिन बड़ी-बड़ी बातें करती है। जब युवाओं को नौकरी देने की बात आती है तो खामोश हो जाती है।

    डेढ़ साल से ज्‍यादा समय होने के बाद भी सरकार ने पहले से लंबित पड़े परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए। युवाओं को नौकरी देने के मामले में सरकार खामोश हो जाती हैं। हालांकि चहेतों को एडजस्ट करने में पूरी तत्परता से काम करती है।

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    युवाओं को नहीं मिल पा रही नौकरी: जयराम ठाकुर

    सरकार युवाओं को नौकरी देने में भी वही तत्परता दिखाए जो अपने चहेतों को एडजस्ट करने में दिखाती है। सरकार की इसी सुस्ती और नौकरी न देने की नीयत से त्रस्त युवा आज सड़कों पर हैं। सरकार डेढ़ साल एक हफ्ते, दो हफ्ते, चार हफ्ते का समय मांग कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।

    परीक्षाओं के अंतिम रिजल्‍ट जारी करे सरकार: नेता प्रतिपक्ष

    अब सरकार के पास और समय मांगने और पूरे मामले को लटकाने का कोई कारण नहीं रह गया है। इसलिए सरकार बिना देरी किए लंबित प्रतियोगी परीक्षाओं के अंतिम रिजल्ट जारी करें। उन्होंने कहा कि नई भर्तियां कब निकलेगी और लंबित पड़ी भर्तियों के परिणाम कब तक जारी होंगे। युवाओं का सब्र सब्र टूट रहा है। इसलिए अब बहानेबाजी के बजाय सरकार ठोस रास्ता निकाले और नियुक्तियां करे।

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    नेता प्रतिपक्ष ने वेटनरी फार्मासिस्ट के नियुक्ति रद्द करने के लिए जारी अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल भर के इंतजार के बाद जारी नियुक्ति पत्र क्यों वापस लिया गया। इतना समय लेने के बाद भी क्या त्रुटि रह गई थी कि 24 घंटे के भीतर नियुक्ति का आदेश रद्द करने के लिए अधिसूचना जारी करनी पड़ी।