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    Himachal Pradesh: सेब पर भारी पड़ी मौसम की मार, पैदावार कम होने का अनुमान; महंगे होंगे दाम

    By Yadvinder SharmaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Sun, 11 Jun 2023 05:15 PM (IST)

    Shimla सर्दियों में कम वर्षा और कम बर्फबारी के बाद मई माह में आंधी व ओलावृष्टि के साथ तापमान में गिरावट के कारण सेब राज्य हिमाचल में तीन करोड़ से कम सेब की पेटियों के उत्पादन का अनुमान है।

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    Shimla: मौसम की मार सेब पर रही भारी, तीन करोड़ से कम सेब की पेटी का अनुमान : जागरण

    शिमला, यादवेन्द्र शर्मा: सर्दियों में कम वर्षा और कम बर्फबारी के बाद मई माह में आंधी व ओलावृष्टि के साथ तापमान में गिरावट के कारण सेब राज्य हिमाचल में तीन करोड़ से कम सेब की पेटियों के उत्पादन का अनुमान है। ये उत्पादन बीते वर्ष से करीब 90 लाख पेटियां कम उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है।

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    कम उत्पादन के बावजूद 4.50 हजार करोड़ की हिमाचल की सेब की आर्थिकी पर प्रभाव तो होगा लेकिन कम उत्पादन के कारण इस बार सेब के दाम ज्यादा रहने का अनुमान है। ओलावृष्टि के कारण दागी सेब के कारण दाम कम मिल सकते हैं।

    प्रदेश में समय पर वर्षा न होने और बेमौसमी वर्षा के कारण 30 से 50 प्रतिशत तक कई स्थानों पर सेब की फसल को नुकसान हुआ है। प्रदेश में इस सीजन में सामान्य कम तापमान का रहने से भी असर हुआ है। सबसे अधिक नुकसान फूल आने के दौरान आंधी व ओलावृष्टि के साथ भारी वर्षा के कारण हुआ है। सेब के उत्पादन का अनुमान प्रति पेटी बीस किलो की दर से है।

    हिमाचल प्रदेश में आज तक हुए सेब के उत्पादन को देखा जाए तो सबसे अधिक उत्पादन वर्ष 2010 में 4.46 करोड़ सेब की पेटियों का उत्पादन हुआ था। हालांकि कम उत्पादन होने पर दाम अधिक हो जाते हैं लेकिन गुणवत्ता ही नहीं होगी तो दाम कैसे मिलेंगे। तापमान में गिरावट ने गुणवत्ता को प्रभावित किया है।

    तापमान के बढ़ने और सूखे के कारण दस दिन पूर्व आ गए थे फूल

    इस बार कम वर्षा, कम बर्फबारी व लगातार सूखे के कारण समय से दस दिन पूर्व सेब में फूल आ गए थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण तीन स्टेज में आने वाली फ्लावरिंग एक ही स्टेज में एक साथ आ गई। यही नहीं इसके बाद मौसम में तबदीली की मार ऐसी पड़ी की तापमान गिर गया। इसके कारण सेटिंग प्रभावित हुई।

    प्रदेश में बहते वर्षों के दौरान सेब का उत्पादन प्रति पेटी 20 किलो

    वर्ष, पेटियां करोड़ में

    • 2010,4.46
    • 2011,1.38
    • 2012,2.60
    • 2013,3.69
    • 2014,3.12
    • 2015,3.88
    • 2016,2.34
    • 2017,2.75
    • 2018,1.90
    • 2019,3.58
    • 2020,2.40
    • 2021,3.22
    • 2022,3.75
    • 2023-2.90

    इनका कहना है

    आज तक ऐसे हालात नहीं देखने को मिले बर्फबारी नहीं होती थी तो वर्षा हो जाती थी। इस बार सूखा रहा है और नमी तो 30 से 50 प्रतिशत तक रही है। जबकि 60 से ऊपर ही रहती थी। मई और जून में आंधी व ओलावृष्टि के कारण सेब का उत्पादन प्रभावित हुआ है। -जगदीश वर्मा, सेवानिवृत्त बागवानी अधिकारी

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