HRTC ने कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, रात्रि भत्ता और ओवरटाइम की मांग; नहीं मिला तो होगा आंदोलन
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। चालकों और परिचालकों ने रात्रि भत्ते और ओवरटाइम के भुगतान की मांग की है जो कि 100 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे। कर्मचारियों को एरियर और चिकित्सा बिलों का भुगतान भी लंबित है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। निगम के चालकों व परिचालकों ने कहा कि प्रबंधन जल्द रात्रि भत्ते व ओवरटाइम का भुगतान करे। अभी इसके 100 करोड़ रुपये लंबित हैं।
प्रबंधन किस्तों में यह राशि जारी करे। चेतावनी दी कि ऐसा नहीं हुआ तो चालक, परिचालक दोबारा आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। चालक संघ के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर और परिचालक संघ के अध्यक्ष प्रीत मोहिंद्र सिंह ने शिमला में पत्रकारों से कहा कि निगम प्रबंधन ने तीन महीने पहले रात्रि भत्ते व ओवरटाइम का कुछ पैसा जारी किया था।
HRTC कर्मचारियों को नहीं मिली किस्त
उस दौरान आश्वासन दिया था कि बची हुई राशि को किस्तों में जल्द जारी किया जाएगा। अभी तक यह राशि जारी नहीं की गई है। मान सिंह ठाकुर ने कहा कि अन्य कर्मचारियों को सरकार ने 50 हजार रुपये एरियर की किस्त दे दी है। एचआरटीसी में यह किस्त नहीं दी जा रही है।
कर्मचारियों को उनके चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। तीन साल से यह राशि लंबित है। कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन समय पर नहीं मिल रही है। एचआरटीसी की वर्कशाप में कलपुर्जे नहीं बचे हैं। निगम उनकी खरीद नहीं कर रहा है।
पेंशनरों को समय पर मिले पेंशन
बिना कलपुर्जों के बसों की मरम्मत का काम नहीं हो रहा है। ऐसे हालात में बसें खड़ी हो रही हैं। बसों की कमी हो गई है। निगम प्रबंधन जल्द नई बसों को लाए जिसके लिए प्रक्रिया काफी लंबी हो चुकी है। निगम में चालकों की रुकी हुई भर्ती जल्द शुरू की जाए। मान सिंह और प्रीत मोहिंद्र सिंह ने कहा कि निगम के पेंशनरों को समय पर पेंशन की अदायगी होनी चाहिए।
वे वित्तीय देनदारी एक साथ देने की मांग नहीं कर रहे मगर किस्तों में हर महीने कर्मचारियों को उनका पैसा मिलना चाहिए। इसके लिए अभी आग्रह किया जा रहा है लेकिन बाद में संघर्ष भी हो सकता है जिसकी रणनीति बनाने के लिए बैठक की जाएगी।
HRTC को हो रहा नुकसान
एचआरटीसी के रूट सरकार सरेंडर कर रही है जो सोच समझकर किए जाएं। बाहर से आने वाली निजी लग्जरी बसों को रोका जाए क्योंकि इनसे एचआरटीसी को नुकसान हो रहा है।
हालत ऐसी है कि दिल्ली में भी एचआरटीसी की बसों को यात्री नहीं मिल रहे क्योंकि निजी लग्जरी बसों ने कब्जा कर लिया है। यही हाल हिमाचल में भी है।
अनधिकृत रूप से निजी ऑपरेटर ऐसी बसें लेकर आ रहे हैं जिन पर रोक नहीं लग रही है। वे अपनी मांगों को लिखित रूप में सरकार से उठा चुके हैं और दोबारा मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के समक्ष बात रखेंगे। इसके बाद यूनियन अपनी रणनीति बनाएगी।

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