HRTC बसों का बदलेगा टिकट, प्रकाशित होगा कंपनियों का विज्ञापन; राजस्व जुटाने को लिए नया कदम
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) बसों में टिकटों में बदलाव करने जा रहा है। अब टिकट 6 इंच का होगा जिसमें 4 इंच में यात्रा विवरण होगा और शेष भाग पर विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे। निगम ने विज्ञापन के लिए कंपनियों से संपर्क साधा है जिससे राजस्व में वृद्धि हो सके। यह कदम निगम को डिजिटल बनाने और आय बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में अब टिकट बदलेगा। बसों में परिचालक के पास जो टिकटिंग मशीन है उसमें टिकट निकलता है वह 4 इंच का होता है। इसमें सामने की तरफ सफर का विवरण व किराया लिखा होता है।
दूसरी तरफ एचआरटीसी प्रिंट किया जाता है। अब यह टिकट छह इंच का होगा। इसमें 4 इंच में पुरानी तरह से टिकट छपेगा। 2 इंच जो साइज बढ़ाया जा रहा है उस पर विज्ञापन प्रकाशित होगा। जबकि पिछली तरफ जहां केवल एचआरटीसी ही लिखा होता है उस पर भी विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम निदेशक मंडल (बीओडी) ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। निदेशक मंडल की मंजूरी मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने इस पर आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कंपनियों से साधा संपर्क
एचआरटीसी की 3180 बसें रोजाना 5.60 लाख किलोमीटर का सफर तय करती है। रोजाना लाखों लोग इसमें सफर करते हैं। यानि कंपनियों के लिए अपना विज्ञापन देना मुनाफे का काम है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ने इसको लेकर कंपनियों से संपर्क साधा है।
इसके विज्ञापन एजेंसियों से भी पत्राचार किया गया है। यदि वे विज्ञापन प्रकाशित कर अपनी कंपनी का प्रचार करवाना चाहता है तो निगम एक नया विकल्प उन्हें दे रहा है। निगम का कहना है कि कई राज्यों में इस तरह की नीति लागू की गई है।
इन विज्ञापन एजेंसियों के माध्यम से ही हिमाचल व बाहरी राज्य का व्यक्ति या कंपनी निगम को विज्ञापन दे सकेगी। यही नहीं निगम मोबाइल एप, वेबसाइट सहित टिकट पर निगम विज्ञापन करेगा और अपने राजस्व में बढ़ौतरी करेगा। निगम के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि बीओडी से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। अब इस पर काम शुरू कर दिया गया है।
लगेज पॉलिसी के बाद नया प्रयास
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ने इससे पहले बसों में लगेज पालिसी भी शुरू की है। इससे भी अच्छी कमाई निगम को हो रही है। अब विज्ञापन देकर अतिरिक्त कमाई की जाएगी। निगम को डिजिटल बनाने की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं।
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