HPPCL को 957 करोड़ ऋण देने की मिली मंजूरी, सुक्खू कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला
शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें एचपीपीसीएल को 957 करोड़ रुपये का ऋण देने की मंजूरी दी गई। सरकार इसकी गारंटी देगी। बैठक में कैग रिपोर्ट पेश करने जमाबंदी को डिजिटल करने और नगर निगम चुनाव टालने जैसे कई अहम फैसले लिए गए। पंचायती राज संशोधन विधेयक को भी स्वीकृति दी गई है जिसमें जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। एचपीपीसीएल को 957 करोड़ रुपए ऋण देने की मंजूरी प्रदान की गई। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से गारंटी दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में देर सायं हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र में वर्ष, 2023-24 की कैग रिपोर्ट को भी सभा पटल पर रखने को मंजूरी दी है। इसके अलावा जमाबंदी को डिजिटल साइन करने की कानूनी मंजूरी प्रदान की गई। सूत्रों के अनुसार सत्र के दौरान करीब 6 संशोधन विधेयक लाए जाएंगे।
इसमें राजस्व संबंधी संशोधन विधेयक और एचपी टैक्सेशन एंड सटर्न गुड संशोधन विधेयक शामिल है। जीएसटी के 5 और 18 फीसदी के स्लैब को भी सदन पटल पर रखा जाएगा। इसको केंद्र सरकार की तरफ से सैधांतिक मंजूरी दी गई है।
इसमें जीएसटी स्लैब दरों में संशोधन हो सकेगा। पंचायती राज संशोधन विधेयक को भी मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें जेल की सजा के स्थान पर अब जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। मंत्रिमंडल बैठक में करीब 22 मामलों पर चर्चा हुई। इसमें सत्र के दौरान लाए जाने वाले महत्वपूर्ण संशोधन प्रमुख है।
नए नगर निगम व नगर निकाय चुनाव टालने की तैयारी
सरकार की तरफ से नगर निगम एवं नगर निकाय चुनाव टालने संबंधी 2 संशोधन विधेयक भी लाए जा रहे हैं। इसके आधार पर नए बने नगर निगम व नगर निकाय के चुनाव को करीब 2 वर्ष तक टाला जा सकता है। इससे सरकार को नए नगर निगम व नगर निकाय के गठन में आ रही समस्याओं को दूर किया जा सकेगा।
बैठक में तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति से जुड़े संशोधन विधेयक को भी चर्चा के लिए रखा गया। सूत्रों के अनुसार मंत्री ने इसको लेकर कुछ आपत्ति जीति है जिसके बाद इसे फिलहाल होल्ड कर दिया गया है बैठक में एलडीआर के तहत एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के मामले पर भी चर्चा की गई। इसमें कुछ कानूनी पेचीदगियां है जिसके चलते फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

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