हिमाचल के सरकारी स्कूल देंगे कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर, मिलेंगी हाईटेक सुविधाएं
हिमाचल प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र से 100 सरकारी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध होंगे। इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का स्तर निजी स्कूलों के समान होगा। स्कू ...और पढ़ें
-1766052896840.webp)
नामी कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देंगे सरकारी सीबीएसई स्कूल। सांकेतिक तस्वीर। (सोर्स- सोशल मीडिया)
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में नए शैक्षणिक सत्र से 100 सरकारी स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध होंगे। मूलभूत सुविधाओं में ये स्कूल हिमाचल के नामी निजी स्कूलों को टक्कर देंगे। स्कूलों की दिवारों का रंग अलग होगा। बच्चों के लिए वर्दी भी सरकारी स्कूलों से बिल्कुल भिन्न होगी।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है। इस पर अंतिम मुहर कैबिनेट में लगेगी। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने वर्दी के 6 अलग अलग रंग बताए हैं। निजी स्कूलों की तर्ज पर लड़कों के लिए पैंट, शर्ट, कोट, टाई होगी।
इसी तरह छात्राओं के लिए स्कर्ट, शर्ट, कोट व टाई होगी। दो अलग अलग वर्दियां हर स्कूल में लगाने का प्रस्ताव है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के जो नामी निजी स्कूल हैं उनमें जो वर्दी है उसी तरह की ये वर्दी होगी। सरकार चाहती है कि जिन सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता मिले वह देखने में निजी स्कूलों से भी अच्छे हों।
स्कूलों के भवनों का रंग अलग होगा। हालांकि, कमरों के भीतर की दीवारों को नहीं बदला जाएगा। इसका मुख्य गेट, कैंपस की सामने की दीवारों में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि ये और ज्यादा आकर्षक लगें।
वर्दी निशुल्क मिलेगी
सरकार जितनी भी श्रेणियों के विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी व किताबें देती है वह यहां पर भी मिलेगी। सरकार का तर्क है कि केवल बोर्ड बदला जा रहा है। बाकी सरकार की जो भी योजनाएं विद्यार्थियों के लिए है वह यहां पर पहले की तरह मिलेगी। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
इन स्कूलों में विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए मेस भी खुलेगी। पहले चरण में चयनित 100 में से 87 के करीब स्कूलों को संबद्धता मिल चुकी है, बाकियों के लिए प्रक्रिया जारी है। इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की सुविधा भी होगी।
अतिरिक्त कक्षाएं लगाने की बात कह चुके हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में कहा था कि पहले चरण में इन स्कूलों में बच्चों को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली हिमाचल शिक्षा बोर्ड से अलग रहती है। ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाएगी। उन्हें अतिरिक्त कक्षाएं बच्चों की लगानी पड़ेगी। इन स्कूलों में बच्चों के कम्यूनिकेशन को सुधारने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अभी तक 87 के करीब स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता मिल चुकी है। इन स्कूलों में बच्चों की वर्दी अलग होगी। इसके अलावा कुछ अन्य तरह के बदलाव होने हैं। उसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया है। सरकार की मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। -आशीष कोहली, निदेशक स्कूल शिक्षा

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।