हिमाचल में बाढ़ और बारिश से मिलेगी राहत, लेकिन अगले दो दिन तक सावधान रहने की जरूरत; चेतावनी जारी
हिमाचल प्रदेश (Himachal Weather) में इस वर्ष मानसून ने भारी तबाही मचाई है जिसमें 1011 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मानसून 20 जून को प्रवेश किया और अभी तक 4504 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बादल फटने और भूस्खलन से 229 लोगों की जान गई है 1478 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Weather Update) में तीन वर्ष से मानसून की वर्षा ज्यादा नुकसान कर रही है। इस बार भारी वर्षा ने वर्षा का रिकार्ड तोड़ा है। प्रदेश में बीते वर्षों के मानसून को देखें तो इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान सबसे अधिक 1011 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
प्रदेश से मानसून सामान्य तौर पर 24 सितंबर के बाद लौटना शुरू होता है। हालांकि इस वर्ष प्रदेश में 18 सितंबर के बाद वर्षा में कमी की संभावना है। 18 से 22 सितंबर तक मानसून लौट सकता है।
नौ वर्ष की बात करें तो सबसे लंबी मानसून की अवधि वर्ष 2019 में रही है। वर्ष 2019 में 140 दिन तक मानसून रहा था, लेकिन वर्षा 687 मिलीमीटर दर्ज की गई थी, जो सामान्य से दस प्रतिशत कम रही। मानसून औसत 78 से 95 दिन में लौटता है।
इस बार प्रदेश में मानसून ने 20 जून को प्रवेश किया और अभी तक 89 दिन हो चुके हैं और लगातार वर्षा का सिलसिला जारी है। प्रदेश में 20 जून से अभी तक 4504 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
229 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन व अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। प्रदेश में 1478 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। 6298 मकानों, 490 दुकानों और 6147 पशुशालाओं को नुकसान हुआ है।
अभी राहत और पुनर्वास पर ध्यान दिया जा रहा है। इस मानसून में जानमाल का ज्यादा नुकसान हुआ है। आकलन होने पर नुकसान बहुत अधिक होगा। मानसून के प्रवेश करने से लेकर अभी तक लगातार भारी वर्षा के कारण नुकसान हो रहा है। -डीसी राणा, विशेष सचिव आपदा प्रबंधन।
प्रदेश में दो दिन हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 19 सितंबर के बाद वर्षा में कमी आएगी। नमी की मात्रा और वर्षा के आधार पर मानसून के लौटने का निर्णय लिया जाता है। -संदीप कुमार, वरिष्ठ विज्ञानी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला।
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