Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Himachal Weather: चोटियों पर हिमपात से प्रदेश में कड़ाके की ठंड, तेज हवा के साथ वर्षा व हिमपात का अनुमान

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 09:13 AM (IST)

    हिमाचल में रविवार से बादल छा गए हैं और ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात भी शुरू हो गया है। इस वजह से तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई। 27 नवंबर को वर्षा व हिमपात होने का यलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार को किन्नौर और लाहुल-स्पीति को छोड़ बाकी जिलों में तेज हवा के साथ वर्षा व हिमपात का अनुमान है।

    Hero Image
    चोटियों पर हिमपात से प्रदेश में कड़ाके की ठंड। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में रविवार से बादल छा गए हैं और ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात शुरू हो गया है। इस कारण तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है।

    समूचे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। केलंग में पारा जमाव बिंदु से नीचे है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इसका प्रभाव 30 नवंबर तक रहेगा।

    27 नवंबर को वर्षा व हिमपात होने का यलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार को किन्नौर और लाहुल-स्पीति को छोड़ बाकी जिलों में तेज हवा के साथ वर्षा व हिमपात का अनुमान है।

    यह भी पढ़ें: Himachal News: स्टार्टअप योजना पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने उठाए सवाल, बोले- गारंटी के नाम पर घालमेल कर रही सरकार

    सोलन में 2.5 डिग्री सेल्सियस तापमान

    शिमला का न्यूनतम तापमान सुंदरनगर व मंडी से करीब दो गुणा अधिक है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट सोलन में 2.5 डिग्री सेल्सियस आई है।

    रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए बंद

    मनाली प्रशासन ने सोमवार को यलो अलर्ट को देखते हुए रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। रोहतांग दर्रे पर अब पर्यटकों की आवाजाही मौसम पर निर्भर रहेगी।

    दर्रा 15 नवंबर से ही आधिकारिक तौर पर बंद हो जाता था, लेकिन पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते प्रशासन ने इसे खुला रखा था।

    फसलों पर क्या होगा असर?

    प्रदेश में वर्षा-हिमपात की संभावना को देखते हुए किसानों व बागवानों को राहत मिल सकती है। वर्षा के बाद सेब के बगीचों में तौलिये बनाने व खाद डालने का काम शुरू होगा। दिसंबर के पहले सप्ताह में यह काम शुरू होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मैदानी जिलों के गैर सिंचित क्षेत्रों के लिए वर्षा लाभदायक होगी। किसान गेहूं की बिजाई कर पाएंगे। जिन क्षेत्रों में फसल की बिजाई हो चुकी है, वहां वर्षा संजीवनी का काम करेगी।

    यह भी पढ़ें: Himachal News: अपने अब तक के इतिहास को सहेजेगा धर्मशाला स्टेडियम, बनेगा क्रिकेट संग्रहालय और लाइब्रेरी