Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal Weather Report: शिमला में हुई झमाझम बारिश, गिरे ओले; लोगों और बागवानों के खिले चेहरे

    Updated: Thu, 20 Jun 2024 11:05 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुई बारिश ने भीषण गर्मी से राहत दिलाई है। बदलते मौसम के रूख को देखकर किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट आ गई है। हिमाचल प्रदेश के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए भी यह बारिश वरदान बनकर आई है। वहीं कुछ क्षेत्रों में बर्फबारी होने से सेब की फसल को भारी नुकसान भी पहुंचा है।

    Hero Image
    शिमला में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने गर्मी से दिलाई राहत

    जागरण टीम, शिमला। राजधानी शिमला में बुधवार शाम पांच बजे के बाद काले घने बादल छा गए और अंधेरा हो गया। करीब साढ़े पांच बजे हवा के साथ तेज वर्षा शुरू हो गई।

    इससे शिमलावासियों सहित पर्यटकों ने गर्मी से राहत की सांस ली। इससे बागवानों व किसानों के चेहरों से चिंता के बादल छंटने से मुस्कान नजर आ रही है।

    जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए वरदान

    शिमला सहित कुफरी, ठियोग, नारकंडा, कुमारसैन, चौपाल, रोहडू उपमंडल के समरकोट, शाड़ीथाच, धवाणा, अप्पर भमनोली, खदराला के साथ लगे कई क्षेत्रों में वर्षा हुई।

    उपमंडल ठियोग व कुमारसैन के बागवानों का कहना है कि वर्षा से जहां गर्मी से राहत मिली है वहीं सेब, बदाम व गोभी की फसल को भी राहत मिली है। जंगलों में लगी आग को शांत करने के लिए यह वर्षा किसी देवदूत से कम नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओलावृष्टि से फसलों को हुआ भारी नुकसान

    उपमंडल रोहडू में मंगलवार को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। मंगलवार रात साढ़े नौ बजे मंडलगढ़ के कई क्षेत्रों में जहां आधे घंटे तक तेज तूफान के साथ भारी बारिश और कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई है। इससे सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।

    बागवानों का कहना है कि ओलावृष्टि इतनी भयानक थी कि सेब पौधों के ऊपर पड़ी जालियों में इतना अधिक ओला एकत्रित हो गया कि कई जगह पर जालियां फट गईं तो कई स्थानों पर सेब के पौधे गिर गए तो कहीं पर टहनियों को नुकसान पहुंचा है, जिससे सेब की फसल को भारी नुकसान होने की संभावना है।

    यह भी पढ़ें- Himachal By-Election: उपचुनाव से पहले कांग्रेस में अंदरूनी कलह, सीएम सुक्खू की पत्नी को टिकट देने का हो रहा खुलकर विरोध

    सरकार से मुआवजे की मांग

    वहीं जिन बगीचों में जालियां नहीं बिछाई गई है उन बागीचों की हालत इतनी खराब कर दी है कि सेब के पत्ते तक पौधों में नहीं रखे है। महेश्वर जन कल्याण समिति समरकोट अध्यक्ष बलवंत मांटा ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि नुकसान का मुआवजा दिया जाए।

    यह भी पढ़ें- 'भाजपा के गुलाम हुए तीनों पूर्व निर्दलीय विधायक...' CM सुक्खू ने उपचुनाव से पहले BJP प्रत्याशियों को घेरा