सरकारी होटलों को प्राइवेट करने की तैयारी, हिमाचल में होने जा रहा बड़ा बदलाव; क्या है वजह?
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम घाटे में चल रहे होटलों कैफे और हट्स को निजी हाथों में सौंपने या बंद करने की तैयारी कर रहा है। निगम के निदेशक मंडल ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें 18 होटलों नौ कैफे और तीन टूरिस्ट हट्स के संचालन पर पुनर्विचार किया जा रहा है क्योंकि वे लगातार नुकसान में चल रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के घाटे में चल रहे होटलों, कैफे और हट्स को निजी हाथों में सौंपने या बंद करने की तैयारी है। अंतिम निर्णय प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लिया जाएगा। निगम के निदेशक मंडल की बैठक में तैयार प्रस्ताव राज्य सचिवालय भेजा गया है।
प्रस्ताव के अनुसार घाटे में चल रहे 18 होटलों, नौ कैफे और तीन टूरिस्ट हट्स के संचालन पर पुनर्विचार किया जा रहा है। इनमें से कई वर्षों से लगातार नुकसान में चल रहे हैं। साथ ही कुल्लू जिले में स्थित होटल रोहतांग मनालसू, सिल्वर मून और हिडिंबा होटल (मनाली) को गिराने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
इनके भवन बहुत पुराने हो गए हैं और ये भी घाटे में हैं। होटल रोहतांग मनालसू सात लाख व होटल सिल्वर मून 35 लाख रुपये के घाटे में हैं। यह प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। निगम प्रबंधन पिछले ढाई वर्षों से घाटे की स्थिति सुधारने के प्रयास कर रहा था, लेकिन अपेक्षित परिणाम न आने से अब निजी हाथों में सौंपने या बंद करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।
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