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    हिमाचल में सरकारी स्कूलों में घटते दाखिले शिक्षा विभाग की चिंता, हर साल कम हो रहे 50 हजार छात्र

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 10:16 AM (IST)

    Himachal News हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है हर साल लगभग 50000 छात्र कम हो रहे हैं। शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के बाद शिक्षक संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए बुलाई गई बैठक में यह जानकारी दी गई। शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने शिक्षा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया।

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    हिमाचल में हर साल कम हो रहे 50 हजार छात्र (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण l शिमला। Himachal News: हिमाचल के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिलों में निरंतर कमी आ रही है। हर वर्ष 50 हजार विद्यार्थी कम हो रहे हैं। पिछले वर्ष राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक 7.50 लाख विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था।

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    इस साल यह आंकड़ा महज सात लाख रह गया है। दूसरी तरफ निजी स्कूलों में दाखिले बढ़ते जा रहे हैं। राज्य में 85 प्रतिशत सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। प्रदेश में निजी स्कूलों की संख्या महज 15 प्रतिशत है और उनमें 40 प्रतिशत विद्यार्थी हैं।

    यह जानकारी शिमला में सोमवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के बाद शिक्षक संगठनों की शिकायतों व भ्रांतियों को दूर करने के लिए बुलाई बैठक में दी गई।

    स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार प्रयासरत है। सभी शिक्षक संगठनों को मिलजुल कर कार्य करना होगा। ज्यादातर संगठनों ने शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के निर्णय को सराहा। प्राइमरी टीचर फैडरेशन (पीटीएफ) ने कुछ मुद्दों पर अपना विरोध दर्शाया। इसको लेकर वह पहले भी आंदोलन कर चुके हैं।

    शिक्षा निदेशक ने कहा कि पुनर्गठन के बाद प्रशासनिक व्यवस्था बदली है। नई व्यवस्था से कामकाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। न तो किसी शिक्षक की पदोन्नति प्रभावित होगी न ही किसी श्रेणी का कोई पद खत्म किया जाएगा। पीटीएफ ने हाजिरी, प्रशासनिक व्यवस्था प्रधानाचार्य के अधीन करने जैसे मुद्दों पर अपना विरोध जताया।

    इस पर निदेशक ने कहा कि जब शिक्षक 10 से चार बजे तक स्कूल में हैं तो हाजिरी में विरोध कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की गई है। जिस तरह से विद्यार्थियों की संख्या घट रही है तो आने वाले समय में परिणाम क्या होंगे सभी भली भांति जानते हैं।

    उन्होंने कहा कि कक्षा पहली से 12वीं कक्षा तक जब बच्चे एक ही कलस्टर में रहेंगे तो पांचवीं के बाद कक्षा छह, सातवीं के बाद कक्षा आठ व 10वीं के बाद 11वीं कक्षा में दाखिला लेने का झंझट खत्म होगा।

    राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि यह बैठक सकारात्मक रही। बैठक में 13 यूनियनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा अतिरिक्त निदेशक बीआर शर्मा, जीवन नेगी व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर भी मौजूद थे।