Himachal School News: हिमाचल में स्कूलों का बदलेगा पाठ्यक्रम, सामान्य ज्ञान को तरजीह, ये तीन विषय भी जुड़ेंगे
Himachal School Syllabus हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में सुधार के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रही है। कक्षा 5 से 12 तक के पाठ्यक्रम में हिमाचल का इतिहास संस्कृति रीति-रिवाज सामान्य ज्ञान सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति जैसे विषय शामिल किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा सचिव राकेश कंवर को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal School Syllabus, शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में कार्य कर रही सरकार अब पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रही है। कक्षा पांच से 12वीं तक का पाठ्यक्रम बदला जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई थी। अब अगले सप्ताह फिर बैठक बुलाई जाएगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर को पाठ्यक्रम में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश है। पाठ्यक्रम में हिमाचल का इतिहास, संस्कृति, रीति रिवाज को शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सामान्य ज्ञान, सड़क सुरक्षा व नशा मुक्ति को भी पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा।
स्कूलों में जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है उसमें 80 प्रतिशत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पढ़ाना अनिवार्य है। राज्य पाठ्यक्रम में 20 प्रतिशत स्वयं तय कर सकता है। अभी हिमाचल की लोक संस्कृति, नैतिक शिक्षा, योग सहित कुछ चीजों को शामिल किया गया है। अब इसका विस्तार कर नई चीजों को शामिल किया जाएगा। सरकार चाहती है कि बच्चों को हिमाचल के इतिहास व संस्कृति से लेकर हर चीज की जानकारी हो। स्कूल पास करने के बाद जब वे प्रतियोगी परीक्षा में बैठेंगे तो यह चीजें उन्हें बेहद काम आएगी।
सामान्य ज्ञान पर रहेगा ज्यादा ध्यान
राज्य सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान सामान्य ज्ञान पर रहेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में प्रदेश के कई स्कूलों का निरीक्षण किया है। बच्चों से बातचीत भी की है। सामान्य ज्ञान में कई खामियां बच्चों में दिखी हैं। इसलिए पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा सामान्य ज्ञान को बनाया जाएगा।
बनेगी कमेटी, हर वर्ग को किया जाएगा शामिल
शिक्षा मंत्री ने बताया कि एससीईआरटी सोलन व स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया जाएगा। पाठ्यक्रम बदलाव के लिए कमेटी गठित की जाएगी। इसमें हर वर्ग से विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। सभी के सुझाव आने के बाद एससीईआरटी इस पाठ्यक्रम को तैयार करेगा। सरकार की मंजूरी के बाद शिक्षा बोर्ड इसके लिए किताबों को प्रकाशित करेगा। सरकार का प्रयास है कि अगले शैक्षणिक सत्र से इसे लागू कर दिया जाए।
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