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    हिमाचल में 250 करोड़ का स्कॉलरशिप घोटाला, CBI जांच में हुए हैरान करने वाले खुलासे; फर्जी छात्र दिखाकर लगाया चूना

    Updated: Wed, 14 May 2025 12:15 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में 250 करोड़ रुपये से ज़्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले की सीबीआई जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पंजाब और हरियाणा के संस्थानों ने हिमाचली छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति के लिए खाते खुलवाए और चेकबुक अपने पास रख ली। इन संस्थानों पर फ़र्ज़ी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति लेने का आरोप है जबकि वास्तविकता में इतने छात्र थे ही नहीं।

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    स्कॉलरशिप घोटाले में हुए कई चौकाने वाले खुलासे

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में 250 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की सीबीआई जांच में पता चला है कि पंजाब व हरियाणा के संस्थानों ने हिमाचली छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति के लिए बैंक में खाते खुलवाए और चेक व पासबुक अपने पास रखवा लीं।

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    जांच में सामने आया है कि 238 निजी संस्थानों में 17 ऐसे हैं जिन पर 50 से 94 लाख रुपये की छात्रवृत्तियां लेने का आरोप है। इसके लिए इन संस्थानों ने फर्जी छात्रों को दिखाया जबकि वास्तव में संस्थानों में इतने छात्र थे ही नहीं।

    सरकारी संस्थानों में केवल 12 प्रतिशत ही राशि मिली

    जांच में यह बात भी सामने आई है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत वितरित प्री मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के तहत जारी कुल राशि में से निजी संस्थानों ने 88 प्रतिशत राशि ली जबकि सरकारी में केवल 12 प्रतिशत ही राशि मिली। इनमें हिमाचल, पंजाब और हरियाणा से संबंधित निजी संस्थान भी शामिल हैं।

    हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी कांगड़ा, वेस्टवुड इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट जीरकपुर (पंजाब), भाई गुरदास इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संगरूर (पंजाब), आर्यन ग्रुप ऑफ कॉलेज राजपुरा (पंजाब), हरियाणा के अंबाला स्थित ई-मैक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विरुद्ध मामले दर्ज कर छानबीन में जुटी है। सीबीआई को इन संस्थानों से कब्जे में लिए दस्तावेज में फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि वसूलने के तथ्य मिले हैं।

    पूछताछ में सामने आई कई बातें

    सीबीआई जांच में आर्यन ग्रुप ऑफ कॉलेज राजपुरा में 28 छात्रों से पूछताछ की तो सामने आया कि उनमें से कुछ छात्र कभी छात्रावास में रहे ही नहीं तब भी उन्हें छात्रावास में रहा दर्शाया गया। यही नहीं कक्षाएं तक नहीं लगाई हैं। वेस्टवुड इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट जीरकपुर ने छात्रवृत्ति की राशि के लिए धोखाधड़ी कर हिमाचल के नौ छात्रों को छात्रावास में दिखाया जबकि नौ छात्रों ने सीबीआई पूछताछ में बताया कि वे डे स्कॉलर थे।

    भाई गुरदास इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी संगरूर ने 17 हिमाचली छात्रों को छात्रावास में रहते दर्शाया, जबकि छात्रों ने पूछताछ में बताया कि वे न तो कक्षाओं में उपस्थित हुए और न ही परीक्षाएं दीं। जबकि छात्रवृत्तियों की राशि ली गई। ई-मैक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स अंबाला ने हिमाचली छात्रों की छात्रवृत्तियों के लिए उनके बैंक खाते खुलवाए लेकिन पास और चेक बुक उन्होंने अपने पास ही रख लीं। इस मामले में 20 संस्थानों के 105 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।

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