Day Boarding School के लिए बदल सकते हैं नियम, कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट; कहा- 18 स्कूल बनाने की थी जिम्मेदारी
राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल’ के निर्माण में 50 बीघा जमीन की शर्त का पेंच फंस गया है। सरकार इसके लिए नियमों में छूट द ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल’ के निर्माण में 50 बीघा जमीन की शर्त का पेंच फंस गया है। सरकार इसके लिए नियमों में छूट दे सकती है। राज्य मंत्रिमंडल ने 50 बीघा जमीन पर इन स्कूलों के निर्माण की मंजूरी दी है। इसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है, लेकिन प्रदेश में 50 बीघा जमीन की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। जहां पर जमीन चयनित की गई है वह या तो दूर है या वहां पर निर्माण के लिए स्थान ठीक नहीं है।
जमीन के निरीक्षण के लिए कमेटी बनाई थी
डे बोर्डिंग स्कूल के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित जमीन के निरीक्षण के लिए सरकार ने विशेष सचिव शिक्षा पंकज राय की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सचिव शिक्षा को सौंप दी है। प्रदेश में 18 स्थानों पर डे बोर्डिंग स्कूल बनाए जाने प्रस्तावित है। कमेटी ने 17 स्थानों का निरीक्षण किया है। संबंधित जिला के उपायुक्तों ने 50 बीघा जमीन तो चिन्हित की है, लेकिन इसमें 50 के 50 बीघा निर्माण लायक नहीं है। यानि कई स्थानों पर ढांक है तो कुछ खड्ड के किनारे हैं। तो कुछ आबादी से काफी दूर है।
रिपोर्ट ये कहती है
रिपोर्ट में बताया गया है कि जो जमीन चिन्हित की गई है वह कितनी दूर है। उसमें कितनी जमीन ऐसी है जहां पर निर्माण कार्य संभव है। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर जल्द ही एक बैठक होगी। जिसमें पूरी प्रेजेंटेशन दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो 50 बीघा की शर्त तो रखी जाएगी, लेकिन यदि कहीं पर 30 बीघा भूमि पर निर्माण संभव है तो वहां पर भी स्कूल का निर्माण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में राज्य में शिक्षा के स्तर को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों को खोलने का एलान किया था। इस साल इन स्कूलों का निर्मण संभव नहीं है।
ये होगी सुविधा
राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों में प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक लगभग 900 से 1000 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता होगी। इन स्कूलों में हाई-टेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल, म्यूजिक रूम सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल सुविधाओं व पढ़ाई के मामले में निजी स्कूलों को टक्कर देंगे।
पहली बार हो रहा प्रयोग
हिमाचल में पहली बार यह प्रयोग हिमाचल के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। बच्चे निजी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। सरकार ने पूर्व में नर्सरी व केजी कक्षाएं शुरू की थी, जिसके बाद सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े थे। अब पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। डे बोर्डिंग स्कूल में चार ब्लाक बनाए जाएंगे। ब्लॉक ए में प्रशासनिक भवन होगा। इसके अलावा अन्य ब्लॉक में कक्षाएं लगेगी। कामन रूम, म्यूजिक रूम भी अलग अलग बनेंगे।

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