हिमाचल की बसों में ई-टिकटिंग को लेकर विवाद, कर्मचारियों ने रखी मांग; पहले बनाया जाए ID कार्ड
शिमला शहर के निजी बस कर्मचारियों ने परिवहन विभाग के समक्ष शर्त रखी है कि चालक व परिचालकों के पहचानपत्र बनाने सहित अन्य मांगों के पूरा होने के बाद ही ई-टिकटिंग मशीनों से किराया काटा जाएगा। ई-टिकटिंग मशीनों के प्रयोग से शहर में यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। अब इसके बाद निजी बस संचालकों ने ई-टिकटिंग मशीनों को खरीदना भी शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला शहर के निजी बस कर्मचारियों ने परिवहन विभाग के समक्ष शर्त रखी है कि चालक व परिचालकों के पहचानपत्र बनाने सहित अन्य मांगों के पूरा होने के बाद ही ई-टिकटिंग मशीनों से किराया काटा जाएगा।
परिवहन विभाग ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) व निजी बस संचालकों को भी ई-टिकटिंग मशीनों को प्रयोग करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद निजी बस संचालकों ने ई-टिकटिंग मशीनों की खरीद शुरू कर दी है, लेकिन इनका प्रयोग फिलहाल नहीं किया जाएगा।
ई-टिकटिंग मशीनों के प्रयोग से शहर में यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। ई- टिकटिंग मशीनों से परिचालक टिकट काटेंगे और यात्री गुगल पे, फोन पे और एपीएम कार्ड से आनलाइन किराये का भुगतान कर सकेंगे। वहीं निजी बसों में खुले पैसों को लेकर होने वाले विवाद कम होंगे।
'बस चालकों को मिले पहचानपत्र'
शिमला निजी बस चालक एवं परिचालक यूनियन के प्रधान रूपलाल ठाकुर, उपप्रधान संजय ठाकुर, महासचिव अखिल गुप्ता व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि मशीन खराब होती है या टूट जाती है तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी।
विभाग निजी बस के चालकों व परिचालकों को पहचानपत्र दे, जिसकी वैद्यता कम से कम एक वर्ष हो। यदि किसी कारण कोई मालिक चालक व परिचालक को बस से उतारना चाहता है तो कम से कम 15 दिन पहले विभाग को लिख कर देना होगा।
इसके अतिरिक्त एचआरटीसी भर्ती में निजी बस में कार्यरत चालकों व परिचालकों को प्राथमिकता दी जाए। प्रदेश के हर एक बस स्टैंड में विश्राम गृह की सुविधा दी जाए।
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