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    Himachal Rain: शिमला में बादल फटने से भारी नुकसान, बागवानों की साल भर की मेहनत कुछ घंटों में ध्वस्त, भूस्खलन से जन-जीवन बेहाल

    Updated: Sun, 11 Aug 2024 07:42 PM (IST)

    Himachal Rain शिमला के चौपाल में बादल फटने से भारी बारिश हुई। जिसमें भारी नुकसान हुआ है। बागवानों की साल भर की मेहनत कुछ ही घंटों में ध्वस्त हो गई। बारिश में सेब की कई पेटियां बह गईं। भूस्खलन से कई मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। सेब के बागीचें भी तबाह हो गए हैं। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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    Himachal Rain: बादल फटने से भारी तबाही, बारिश में बह गई मेहनत।

    जागरण टीम, शिमला। नेरवा शिमला जिला में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण जिला में भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश से कई जगह पर नुकसान पहुंचाने वाली घटनाएं हुई हैं। शिमला के चौपाल उपमंडल की पौड़ीया पंचायत के तारापुर गांव में शनिवार रात को बादल फटा। इसके कारण तारापुर गांव में भारी नुकसान हुआ है।

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    बगीचों व खेतों में मलबा भर जाने से किसानों व बागवानों की साल भर की मेहनत कुछ ही घंटों में ध्वस्त हो गई है। नेरवा तहसील की ग्राम पंचायत पौड़ीया के ग्राम धनग में भी भारी बारिश के कारण भारी भूस्खलन हो गया। इसके कारण चेतराम पुत्र गांगिया राम की लगभग 200 पेटी सेब जो तुड़ान कर गोदाम में रखी थी नाले में बह गई।

    नाले के भारी बहाव के कारण प्रकाश पुत्र प्रभु राम, प्रताप गज़टा, मोहन गजटा, अमर सिंह गजटा, भूपेंद्र गजटा, जोगिंद्र टोरटा, बलवीर सिंह टोरटा निवासी ग्राम तारापुर के सेब के बगीचे पूरी तरह नष्ट हो गए है।

    भूस्खलन से संपर्क मार्ग अवरुद्ध

    भूस्खलन के कारण नेरवा-क्यारनू-रानवी, कोटी-सरांह मुख्य मोटर मार्ग के अलावा इस क्षेत्र के सभी संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं। इसके अलावा सेब के बागीचें भी तबाह हो गए हैं। गांव के बागवानों के करीब 800 से ज्यादा सेब के पौधों को नुकसान पहुंचा है।

    प्रधान ग्राम पंचायत पौड़ीया तपेंद्र मोहन शर्मा ने प्रशासन से प्रभावितों को उचित मुआवजा प्रदान करने और दोनों मोटर मार्गों को अतिशीघ्र बहाल करने का आग्रह किया है ताकि क्षेत्र में फंसी हजारों पेटियां सेब मंडी तक पहुंच सके।

    किन्नौर में भी फटा बादल

    उपमंडलाधिकारी चौपाल हेम चन्द वर्मा ने तहसीलदार नेरवा को नुकसान का आंकलन करने के निर्देश प्रदान कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सेब के पौधों को हुए नुकसान का आंकलन कर सरकारी राहत मैन्युल के तहत सभी प्रभावितों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

    शिमला के अलावा किन्नौर जिला में भी बादल फटने की घटनाएं पेश आई हैं। किन्नौर जिला के खाब गांव में बादल फटने से नालों में बाढ़ आ गई है। हालांकि, यहां पर अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

    शहर में भवनों को खतरा

    राजधानी शिमला में भी दिनभर रविवार को बारिश का दौर चलता रहा। राजधानी में भारी बारिश के कारण बालूगंज में पेड़ सड़क पर गिर गया। इसके कारण यहां पर काफी देर के लिए ट्रैफिक बंद रहा।

    इसके अलावा शिमला में भारी बारिश के कारण अलग अलग क्षेत्रों में कई भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। शिमला के सांगटी, हिमलैंड में वन विभाग के मुखालय के साथ घरों को खतरा पैदा हो गया है।

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    145 सड़कें बंद

    शिमला जिला में भारी बारिश के कारण करीब 145 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। इन सड़कों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संपर्क कट गया है।

    ऊपरी शिमला में इन दिनों सेब सीजन जोरों पर है। ऐसे में सड़कें बंद होने से बागवानों को सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं।

    17 तक जारी रहेगा बारिश का दौर

    मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला जिला में अभी बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने 17 अगस्त तक जिला में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। ऐसे में आने वाले एक सप्ताह तक अभी बारिश का दौर जारी रह सकता है।

    जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर लोगों को नदी नालों से दूर रहने के लिए कहा गया है। अनावश्यक यात्रा करने से बचने की अपील की गई है।

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