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    न्याय का इंतजार हुआ खत्म, शिमला के बजाय पहले इन दो जिलों में लगेंगे महिला आयोग कोर्ट, जिलावार बन रही मामलों की सूची

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 04:51 PM (IST)

    Himachal Women Commission Courts शिमला से पहले मंडी और बिलासपुर में महिला आयोग कोर्ट स्थापित होंगे। प्रदेश भर में लंबित 1500 मामलों को तेज़ी से निपटाने का प्रयास है। वर्तमान में मामलों की जिलावार छंटनी की जा रही है और काउंसलिंग के माध्यम से छोटे मामलों को हल करने का प्रयास है। ढाई साल बाद अध्यक्ष की नियुक्ति से महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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    हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी।

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Women Commission Courts, हिमाचल प्रदेश मढाई वर्ष बाद राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष मिलने के बाद अब इसके मामलों की सुनवाई के लिए कोर्ट लगने का इंतजार किया जा रहा है। अब उन्होंने शिमला से पहले बिलासपुर व मंडी में कोर्ट लगाने का फैसला लिया है। आपदा से निपटने के बाद इसकी तिथियां फाइनल की जानी है।

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    इस समय आयोग में पूरे प्रदेशभर के करीब 1500 मामले लंबित हैं। इन लंबित पड़े मामलों को दोगुनी गति से निपटाने का प्रयास का दावा शुरू किया था। अब लोग इसका इंतजार कर रहे हैं कि कब तक उनकी अदालत शुरू होगी।

    जिलावार की जा रही मामलों की छंटनी

    वर्तमान में महिला आयोग के कार्यालय में प्रदेशभर के मामलों की जिलावार मामलों की छंटनी की जा रही है। मामलों के आधार पर ही जिलों में कोर्ट लगाए जाएंगे। जिन जिलों में मामले ज्यादा होंगे, वहां पर पहले मामले लगेंगे, ताकि उन्हें जल्द से निपटाया जा सके।

    छोटे मामले काउंसलिंग से हल करने का प्रयास

    इससे पहले महिला आयोग में छोटे मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से ही हल करने का काम किया जा रहा है। आयोग को काउंसलिंग सेंटरों को मजबूत बनाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

    ढाई वर्षों से पीड़ित महिलाओं का न्याय के लिए इंतजार खत्म

    राज्य महिला आयोग में ढाई साल के बाद अध्यक्ष पद की नियुक्ति होने से महिलाओं में न्याय की उम्मीद बंध गई है। ढाई सालों से महिलाओं के शारीरिक, मानसिक एवं कार्यस्थल प्रताड़ना के मामले की सुनवाई लंबित पड़ी है। न्याय की उम्मीद में आयोग का दरवाजा खटखटाने वाली पीड़ित महिलाएं परेशान हैं और न्याय के इंतजार को मजबूर हैं, लेकिन अब उनका इंतजार खतम हो गया है। उन्होंने आयोग में अध्यक्ष मिलने के बाद इनका कोर्ट लगने का इंतजार जरूरी है।

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